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Best लूटने Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shivam Sharma

तुम उसी तरह क़ातिलाना मुश्कान से देखो तो सही
में पूरा का पूरा तुम पर लूटने को तैयार हूं! #तुझ#पर#लूटने#को#तैयार#हूँ

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#बहुत #मिलेंगे #तुझे "#वफ़ा" #के #नाम #पर #लूटने #वाले
#मगर #कोई #तेरे #लिए #अपनी #आंखे #नम #करे #तो,_*
#उसे #मेरा #सलाम #कहना...!

anil Bamania

हां मैं बेकार हूं Aadarsha singh Indeevar Joshi Fateh Chauhan Aahna Verma Bina Babi

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आज भी मैं लूटने के लिए तैयार था आज भी मैं लूटने के लिए प्यार था और वह कहती है मैं पहले भी और आज भी बेकार था
@masanil हां मैं बेकार हूं Aadarsha singh Indeevar Joshi Fateh Chauhan Aahna Verma Bina Babi

KK Mishra

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गली में   -----
 
 बेटे को गली में पतंग लूटते देख, साहब नाराज हुए। डाँटते हुए बाजार ले गए। पतंग-मांझा दिलाया और नसीहत दी कि ‘अब कभी पतंग लूटने के लिए नहीं भागेगा।”
बेटे ने सिर हिलाया।
            कुछ दिनो बाद साहब ने ‘मोटा हाथ मारा। ब्रीफकेस में डाल घर लौटे। तभी देखा, बेटा फिर गली में पतंग लूट रहा था। साहब ने क्रोधित होते हुए कहा, ‘‘कमबख्त। उस दिन ‘पतंग-मांझा दिलवाया था ना। अब क्यों पतंग लूटने के लिए भागता है?’’
            ‘‘पापा, जो मजा लूटने में है, वो खरीद कर उड़ाने में नहीं है।” बेटे ने उत्तर दिया।
            साहब कुछ न बोले। ब्रीफकेस को कस कर पकड़ा और घर के अन्दर हो लिए।

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"लूटने वाले, 
 लूटने का तरीका बता रहे है..!
 व्यवसाय का प्रलोभन देकर,
 शरीफ इंसान को जबरन लूटेरा बना रहे है...!

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 2 - मा कर्मफलहेतुर्भूः 'आप रक्षा कर सकते हैं - आप बचा सकते हैं मेरे बच्चे को। वह वृद्धा क्रन्दन कर रही थी।' आप योगी हैं। आप महात्मा हैं। मेरे और कोई सहारा नहीं है।' उस वृद्धा का एकमात्र पुत्र रोगशय्या पर पड़ा था। आज तीन महीने हो गये, कुछ पता नहीं चलता कि उसे हुआ क्या है। उसे भूख लगती नहीं, मस्तक में भयंकर पीड़ा होती है। पड़े-पड़े कराहता तो क्या, आर्तनाद किया करता है।

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
2 - मा कर्मफलहेतुर्भूः

'आप रक्षा कर सकते हैं - आप बचा सकते हैं मेरे बच्चे को। वह वृद्धा क्रन्दन कर रही थी।' आप योगी हैं। आप महात्मा हैं। मेरे और कोई सहारा नहीं है।'

उस वृद्धा का एकमात्र पुत्र रोगशय्या पर पड़ा था। आज तीन महीने हो गये, कुछ पता नहीं चलता कि उसे हुआ क्या है। उसे भूख लगती नहीं, मस्तक में भयंकर पीड़ा होती है। पड़े-पड़े कराहता तो क्या, आर्तनाद किया करता है।

SHASHANK KASHYAP

#History

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Hindi shayari quotes यूरोपियन का इतिहास जो आपने कभी नही सुना ।

वास्कोडिगामा और कोलंबस कौन थे ? ये दोनो यूरोप के प्रसिद्ध लूटेरे थे। जहाँ वास्कोडिगामा पुर्तगाल  व कोलम्बस स्पेन से दोनों यूरोप के प्रसिद्ध लूटेरे थे। जिसमें कोलम्बो सन् 492 मे अमेरिका को लूटने वही वास्कोडिगामा सन् 498 मे भारत पहूँचा। चुकि ये दोनों देश एक ही धर्म के थे जो सन् 490 से पहले एक- दूसरे को ही लूटने मे लगे रहते थे । तो यूरोप के छठे पोप ने दोनों देशों को एक फरमान सुनाया जिसमें पुर्तगाल पूर्वी  देशों को लूटने का काम करेगे और  स्पेन पश्चिमी देशों को।
ज्यादा जानकारी के लिए कमेंट करे। #NojotoQuote #history

haneefshikohabadi | ~हनीफ़ शिकोहाबादी

हर तरफ़ मुझे लूटने वाले मिले... #मेरी_अपनी_ग़ज़ल के कुछ शेर... हर तरफ़ मुझे सिर्फ़ लूटने वाले मिले, मैं बिका नहीं, बहुत ख़रीदने वाले मिले !! ख़ुदा पे मेरा ईमान ही, मेरी पहचान है , टूट न सका, कितने तोड़ने वाले मिले !!

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हर तरफ़ मुझे सिर्फ़ लूटने वाले मिले,
मैं बिका नहीं, बहुत ख़रीदने वाले मिले !!

ख़ुदा पे मेरा ईमान ही, मेरी पहचान है ,
टूट  न सका, कितने तोड़ने वाले मिले !! 

#हनीफ़_शिकोहाबादी✍️ हर तरफ़ मुझे लूटने वाले मिले...
#मेरी_अपनी_ग़ज़ल के कुछ शेर...

हर तरफ़ मुझे सिर्फ़ लूटने वाले मिले,
मैं बिका नहीं, बहुत ख़रीदने वाले मिले !!

ख़ुदा पे मेरा ईमान ही, मेरी पहचान है ,
टूट  न सका, कितने तोड़ने वाले मिले !!

संजय मृत्युंजय

इलमचंद की दौड़ ।। रंगमंच से प्रेरित लघु नाटक ।। देर शाम से तेज बारिश हो रही थी। दरवाजे के दरारो से बिजली की चमक आँखो को यूँ चुभ रही थी मानो अपना ही कोई आज अासमां बन गया था। ज़ेहन पे मुफ़्लिसी की चादर डाले इलमचंद दारार को घूर रहा था...

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इलमचंद की दौड़
।। रंगमंच से प्रेरित लघु नाटक ।।


देर शाम से तेज बारिश हो रही थी।
दरवाजे के दरारो से बिजली की चमक आँखो को यूँ चुभ रही थी
मानो अपना ही कोई आज अासमां बन गया था।
ज़ेहन पे मुफ़्लिसी की चादर डाले इलमचंद दारार को घूर रहा था...

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