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Best प्रश्नचिन्ह Shayari, Status, Quotes, Stories

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R K Mishra " सूर्य "

#प्रश्नचिन्ह Sethi Ji Kanchan Pathak Richa Mishra # musical life ( srivastava ) Rama Goswami

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Mou$humi mukherjee

#ChaltiHawaa

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शब्दवेडा किशोर

#प्रश्नचिन्ह
जगण्यानं सुख व यशाच्या शक्यता पुनःपुन्हा नव्यानं उभ्या करता येतात..
पण मरणानं त्या साऱ्या शक्यता संपतात,माझ्या मते स्वतःच्या अवेळी स्व-अस्तित्व संपवुन देवाघरी जाणारा जीव मनी राग धरूनच जातो..अन् एका झटक्यात सारं काही संपवतो..पाठीमागे राहणाऱ्यांना मात्र भरपूर आठवणींच्या बरोबरीने बरेचसे शापही देऊन जातो.काय करावं बरं अशावेळी त्या व्यक्तीने ??..त्यानं कुठंतरी व्यक्त होणं बरोबर की शांतपणे स्व-अस्तित्व संपवणं बरोबर ?? असं म्हणतात की जगात कुठलीही व्यक्ती चुकीची नसते तर चुकीची असते ती तिला लाभलेली किंवा तिच्या वाट्याला आलेली परिस्थिती..अशावेळी एका शांत स्वभावाच्या व्यक्तीचं त्याला लाभलेल्या या सततच्या परिस्थितीमुळे काय चुकतं ?? त्याचं स्वतः सतत रित्या ओंजळीनं जगुन इतरांना भरभरून सुखं वाटत वाटचाल सुरू ठेवणं चुक की परिस्थितीनुसार बदलुन स्वतःच्या स्वभावाविरूद्ध पूर्णपणे जाऊन वागायला सुरूवात करणं बरोबर ?? नेमकं ती व्यक्ती चुकीची की तिने जन्म घेतला ते चुकीचं की ती स्वतःला जन्मानं मिळालेल्या स्वभावातंच कायम ठेवून जगत राहणं चुकीचं की
सरड्यासम रंग बदलुन आपलं हित जपत
चालायला सुरूवात करणं चुक ??
काय चुक...ती व्यक्ती की तिला लाभणारी सततची परिस्थिती ??
आहे ना हा एक न उलगडला जाणारा प्रश्नचिन्ह..
कैक नव्या शापांना जन्म देणारा..प्रश्नचिन्ह
कित्येक स्वप्नांचा चुराडा करणारा..प्रश्नचिन्ह
कित्येक जिवांना अवेळी संपवणारा..प्रश्नचिन्ह 
मिळेल का उत्तर की राहील तसाच तो
एक अनुत्तरीत
" प्रश्नचिन्ह...."
@शब्दवेडा किशोर

©शब्दवेडा किशोर #प्रश्नचिन्ह

Nandini Rastogi

Anuradha T Gautam 6280

#प्रश्नचिन्ह ???????? पुरुष के काम पर उठा एक प्रश्नचिह्न भी उन्हें आहत कर जाता है जबकि स्त्रियों के ज्ञान और समझ पर

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Kunal Salve

एक आम्ही भेटायचो 
आणि भेटल्यानंतर ती 
परत भेट ना ? बोलली की 
मग मी तिला,  
I HATE YOU  बोलायचो !✍️🤓😋😍 #लव्ह 
#question 
#meaning 
#प्रश्नचिन्ह 
#उगाच

i am Voiceofdehati

इस जहां में दो महत्वपूर्ण अंग जमाना और इंसान , इसी पर निर्भर है सब कुछ क्योंकि इंसान के पास दिमाग है तो एक तरह से कहा जा सकता है कि पशु पक्षी जीव जंतु पेड़ पौधे सब इंसान बदल सकता है। और इंसान इस ज़माने से। लेकिन जब एक बदले तो कहा जा सकता है कि असंतुलन कि स्थिति आ गई है। लेकिन जब दोनों बदल जाएं तो संतुलन से पुनः संतुलन की स्थिति हो गई, तो फिर बदला क्या आखिर यह किसे लग रहा है कि बदल गया इंसान ?

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★प्रश्नचिन्ह★

जमाना बदला
इंसान बदला
तो बदला क्या ? इस जहां में दो महत्वपूर्ण अंग 
जमाना और इंसान , इसी पर निर्भर है सब कुछ 
क्योंकि इंसान के पास दिमाग है तो एक तरह से कहा जा सकता है कि पशु पक्षी जीव जंतु पेड़ पौधे सब इंसान बदल सकता है।
और इंसान इस ज़माने से।
लेकिन जब एक बदले तो कहा जा सकता है कि असंतुलन कि स्थिति आ गई है।
लेकिन जब दोनों बदल जाएं तो संतुलन से पुनः संतुलन की स्थिति 
हो गई, तो फिर बदला क्या 
आखिर यह किसे लग रहा है कि बदल गया इंसान ?

उपांशु शुक्ला

Santosh 'Raman' Pathak

प्यार हमें किस मोड़ पे ले आया.....?

क्या इसका उत्तर 

गूगल चच्चा बता सकते हैं?

पूछ कर देखते हैं...…..?

©Santosh Pathak #प्यार#जीवन#मोड़
#प्रश्नचिन्ह 

#OneSeason

Kh_Nazim

पूर्ण विराम...! कसम जो खाई थी मैंने, उससे पेट नहीं भर पाया है भ्रष्टो की इस #दुनिया में कौन, सा फूल खिल पाया है कसम खाई मैंने जो पूर्ण #स्वतंत्रता की उसपर भी #अर्द्धविराम लगा हुआ है ख़ुशहाली नहीं झांकती है #धेहलिज

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पूर्ण विराम।
कसम जो खाई थी मैंने,
 उससे पेट नहीं भर पाया है
भ्रष्टो की इस दुनिया में कौन, 
सा फूल खिल पाया है 
कसम खाई मैंने जो पूर्ण स्वतंत्रता की
उसपर भी अर्द्धविराम लगा हुआ है 
ख़ुशहाली नहीं झांकती है धेहलिज
अपनों पर भी फुलस्टॉप लगा हुआ है 
कसम खाई जो सिमा पर
उसमे भी देशद्रोह छुपा हुआ है 
मरता है जो एक सैनिक भी उसके शोक
में भी एक लालच छुपा हुआ है 
कसम खाई थी जो मैंने अब 
उसपर भी प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है 
झिलमिल गिरति आशमा से  आंसू की धरा
उसमे भी तेजब मिला हुआ है
कसम न खाई होती मैंने जो तो 
मुझ पर भी पूर्ण विराम लगा होता । पूर्ण विराम...! 
#कसम जो खाई थी मैंने,
 उससे पेट नहीं भर पाया है
भ्रष्टो की इस #दुनिया में कौन, 
सा फूल खिल पाया है 
कसम खाई मैंने जो पूर्ण #स्वतंत्रता की
उसपर भी #अर्द्धविराम लगा हुआ है 
ख़ुशहाली नहीं झांकती है #धेहलिज
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