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fahmirizvi4728
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fahmi Ali

Post graduate in commerce LL.b practice in GST poet

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fahmi Ali

दीए इस तरहा से रौशन हैं जैसे
सितारे सब ज़मीं पर आ गए हैं

©fahmi Ali #Diwali
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fahmi Ali

मेरे अशआर की तमन्ना है
बर्गुज़ीदा समाअतों में रहूं

©fahmi Ali #Aarzu_e_AshAar
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fahmi Ali

चाहता हूं कि राहतों में रहूं
फ़ख़्र ए मरियम की जन्नतों में रहूं

©fahmi Ali #Jannat
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fahmi Ali

दफ़्न होना है ज़ेरे ख़ाक मुझे
लाख ऊंची इमारतों में रहूं

©fahmi Ali #universaltruth
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fahmi Ali

चाहता हूं कि राहतों में रहूं
फख्रे मरियम की जन्नतों में रहूं//


दफ्न होना है जेरे ख़ाक मुझे
लाख ऊंची इमारतों में रहूं//


पहले तनवीर–ए–हक़ को कस्ब करूं
फिर दिया बनके जु़ल्मतों में रहूं

मेरे अशआर की तमन्ना है
बर्गुज़ीदा समाअतों में रहूं

©fahmi Ali #Prayers
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fahmi Ali

बंद पिजरे में परिंदों की है हालत कैसी
चार दिन घर में रहे क़ैद तो जाना हमने

©fahmi Ali #lockdown

#rayofhope
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fahmi Ali

अगर जहां में तेरा आस्तां नहीं होता
तो फ़िर ज़मीं पे कहीं आसमां नहीं होता

اگر جہاں میں ترا آستاں نہیں ہوتا 
تو پھر زمیں پہ کہیں آسماں نہیں ہوتا

©fahmi Ali
  #AstaN
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fahmi Ali

अगर जहां में तेरा आस्तां नहीं होता
तो फ़िर ज़मीं पे कहीं आसमां नहीं होता

اگر جہاں میں ترا آستاں نہیں ہوتا 
تو پھر زمیں پہ کہیں آسماں نہیں ہوتا

©fahmi Ali #AstaN
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fahmi Ali

कशमकश में है बहुत इंसा करे तो क्या करे
माल ओ ज़र मग़रूर कर दे, मुफ़लिसी तन्हा करे

फेर लेता हूं मैं रुख़ दुनियां से बस ये सोच कर
हुब्बे दुनियां आदमी को हर क़दम रुसवा करे

तेज़ रफ़्तारी से आख़िर क्यों न गुज़रे ज़िन्दगी
बे तहाशा ज़िन्दगी का मौत जब पीछा करे

काम आएगी दवा, न काम आएगा तबीब
उससे कह दो बस वो मेरा हाल ए दिल पूछा करे

क्या सुनाऊं हाल ए दिल अपना किसी इंसान को
चंद सिक्कों की खनक इंसान को बहरा करे

नफ़्स  की ख्वाहिश के आगे सर झुकना जुर्म है
कह दो गाफ़िल से कि अपने नफ्स से झगड़ा करे

©fahmi rizvi #इंसा

#standAlone
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fahmi Ali

आग में हैवानियत के आदमियत जल गई
इक चिता के साथ ही एक मां की हसरत जल गई

क्या सही है क्या ग़लत है ढूंढिए अब राख़ में
देखते ही देखते सारी हक़ीक़त जल गई
     
           Fahmi Ali ✍️ #Stoprape
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