उड़ जा रे पंछी कहीं दूर गगन में नहीं है उचित रहना तेरा किसी भव्य भवन में या मनुष्य तुझे कह दी बनाकर रखेगा अपने स्वार्थ के लिए तुझे गद्दी पर बैठा कर रखेगा|
तुझ पर जुल्म करके यह मनुष्य महानता का नकाब पहनकर रखेगा तुझे दो वक्त का दाना पानी देखिए तुझको अंधकार में और खुद को आता बनाकर रखेगा|
मतलब तू वफादारी इनकी स्वार्थ के लिए अपने नहर में उड़ जा रे पंछी कहीं दूर गगन में नहीं है उचित रहना तेरा किसी भव्य भवन में|
#heaven#poem
मेरी सारी ख्वाहिशें वह पूरा करती है,
मैं थक भी जाऊं,
तो वह प्यार से मेरी थकान दूर करती हैं ,
पर फिर भी न जाने जाने क्यों
एक आपकी कमी हमेशा खलती है|
मेरी हर राह पर वह मेरे साथ चलती है,
मैं कभी हार भी जाऊं, #Poetry#Mother#maa#poem#nojotohindi#nojotovideo
Sudha Sisodiya
#solotraveller वक्त के साथ सब बीत ही जाता है,
चाहे वह खुशियों का मौसम हो ,
चाहे दुखों का दौर|
डॉक्टरों की दवाई
असर करें या ना करें ,
पर वक्त मरहम लगा ही देता है ,
चाहे वह चोट हो #poem