भूल गए सब लोग क्यों,
क्या सीख देते है त्यौहार,
सच्चा रूप कहीं खो गया,
त्यौहार बन गए हैं व्यापार,
खरीदों खरीदोँ और खरीदों,
शोर मचाता है बाज़ार,
दिवाली दीपों का उत्सव,
Sarita Singh
#yqdidi वो डरावनी रात
**************
उस रात बिजली नहीं थी,
और अंधेरा घना छाया था,
गरजते बादलों ने
फिल्मी माहौल बनाया था,