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piyushshukla6925
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Piyush Shukla

लफ़्ज़ों में ज़ख्मों का मरहम ढूंढ रहा हूँ

https://www.youtube.com/user/piyushaegis

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Piyush Shukla

Jai shree ram राम अवध में आ रहे, लखन सिय के संग
विश्व हुआ है राममय, ओढ़ के भगवा रंग

©Piyush Shukla #JaiShreeRam
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Piyush Shukla

जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो
घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो
तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में
फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो

©Piyush Shukla मेरी बेटी 

जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो
घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो
तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में
फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो

©पीयूष राज

मेरी बेटी जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो ©पीयूष राज #कविता #whenIpendown

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Piyush Shukla

आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से

उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की
आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से

मतवालों परवानों के आगे चली नही अंग्रेज़ो की
बेबस दिखते थे जैसे जकड़ गया विषधर गर्दन से

छटा अंधेरा खुशबू फैली थी कली कली मुस्काई
रोम रोम तब सिहर उठा भारत माता के वंदन से

भारत माता की जय ।।

©Piyush Shukla स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से

उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की
आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से #कविता #shaheed #india🇮🇳 #independenceday2023

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Piyush Shukla

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Piyush Shukla

क्या लिखूँ मैं
सोचने की कोशिश में हूँ
क्या लिख दूँ सच में सब ख़्याल
जो हलचल मचाते हैं
क्या लिख दूँ वो सारे जज़्बात
जो धड़कन बढ़ाते हैं
कुछ रिश्तों के बनने बिगड़ने
के किस्से भी तो हैं
क्या उन्हें भी लिख दूँ
या वो पुराने गड़े मुद्दे जिनका ज़िक्र
आया था उस रात उन्हें भी लिख दूँ
क्या लिख दूँ वो माफ़ीनामा भी जो
मांगा था मैंने जब कि गलती तुम्हारी थी
या भूल कर अपने बदन का दर्द
तुम्हें पहले सुलाया था सीने पर रख कर सर

©Piyush Shukla क्या लिखूँ मैं
सोचने की कोशिश में हूँ
क्या लिख दूँ सच में सब ख़्याल
जो हलचल मचाते हैं
क्या लिख दूँ वो सारे जज़्बात
जो धड़कन बढ़ाते हैं
कुछ रिश्तों के बनने बिगड़ने
के किस्से भी तो हैं

क्या लिखूँ मैं सोचने की कोशिश में हूँ क्या लिख दूँ सच में सब ख़्याल जो हलचल मचाते हैं क्या लिख दूँ वो सारे जज़्बात जो धड़कन बढ़ाते हैं कुछ रिश्तों के बनने बिगड़ने के किस्से भी तो हैं #Pain #Rose

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Piyush Shukla

zindagi  अनबुझी सी पहेली  हुयी  ज़िन्दगी
धूप है तो कहीं  छाँव भी  ज़िन्दगी
जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम
जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी

©Piyush Shukla अनबुझी सी पहेली  हुयी  ज़िन्दगी
धूप है तो कहीं  छाँव भी  ज़िन्दगी
जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम
जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी

©पीयूष राज

#life #lifequotes #जीत #हारजीत #whenipendown  #Flower

अनबुझी सी पहेली हुयी ज़िन्दगी धूप है तो कहीं छाँव भी ज़िन्दगी जब कभी भी लगा हार जाएंगे हम जीत के साथ हँसती मिली ज़िन्दगी ©पीयूष राज #Life #lifequotes #जीत #हारजीत #whenIpendown #Flower

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Piyush Shukla

घाव  सबको दिखाया नही  जा सका
दर्द  भी  तो  छुपाया  नही जा  सका
सारे  हमको  बताते थे  अपना  मगर
सबको अपना बनाया नही  जा सका

©Piyush Shukla घाव  सबको दिखाया नही  जा सका
दर्द  भी  तो  छुपाया  नही जा  सका
सारे  हमको  बताते थे  अपना  मगर
सबको अपना बनाया नही  जा सका

#मुक्तक #घाव #दर्द #whenIpendown

घाव सबको दिखाया नही जा सका दर्द भी तो छुपाया नही जा सका सारे हमको बताते थे अपना मगर सबको अपना बनाया नही जा सका #मुक्तक #घाव #दर्द #whenIpendown

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Piyush Shukla

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Piyush Shukla

मिटाई रात दिन हमने निशानी इश्क़ की अपनी
मगर फिर भी पता सबको कहानी इश्क़ की अपनी

चलो फिर बैठ कर देखें कहाँ पे था गलत कोई
कमी बेसी किसी को क्यों बतानी इश्क़ की अपनी

अगर था भी कोई मसला मिटाते साथ में दोनों
हमें बस चाहिये सूरत पुरानी इश्क़ की अपनी

हमें यूँ साथ देखें तो सभी को रश्क़ होता था
हँसी क्या सामने उनके उड़ानी ? इश्क़ की अपनी

खिलाये फूल हमने थे कभी जलते शरारे में
नही हम भूल पाये बागबानी इश्क़ की अपनी

हुआ नुकसान दोनो का करेंगे साथ भरपाई
दिलों के दरमियाँ दौलत कमानी इश्क़ की अपनी

©Piyush Shukla मिटाई रात दिन हमने निशानी इश्क़ की अपनी
मगर फिर भी पता सबको कहानी इश्क़ की अपनी

चलो फिर बैठ कर देखें कहाँ पे था गलत कोई
कमी बेसी किसी को क्यों बतानी इश्क़ की अपनी

अगर था भी कोई मसला मिटाते साथ में दोनों
हमें बस चाहिये सूरत पुरानी इश्क़ की अपनी

मिटाई रात दिन हमने निशानी इश्क़ की अपनी मगर फिर भी पता सबको कहानी इश्क़ की अपनी चलो फिर बैठ कर देखें कहाँ पे था गलत कोई कमी बेसी किसी को क्यों बतानी इश्क़ की अपनी अगर था भी कोई मसला मिटाते साथ में दोनों हमें बस चाहिये सूरत पुरानी इश्क़ की अपनी #Love

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Piyush Shukla

जीत  जो  भी   मिली  हार  से   ही  मिली
सूखते   फूल  से   खिल   रही   हर  कली
जिसको समझा  किसी काम का  ही नही
उसके बिन  ज़िन्दगी  फिर  नही  है  चली

©Piyush Shukla जीत  जो  भी   मिली  हार  से   ही  मिली
सूखते   फूल  से   खिल   रही   हर  कली
जिसको समझा  किसी काम का  ही नही
उसके बिन  ज़िन्दगी  फिर  नही  है  चली

#whenIpendown #muktak

जीत जो भी मिली हार से ही मिली सूखते फूल से खिल रही हर कली जिसको समझा किसी काम का ही नही उसके बिन ज़िन्दगी फिर नही है चली #whenIpendown #muktak

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