दिल की कलम से,
अपने दर्द को लिखती हूँ...
यहाँ क़ीमत नहीं है मेरी,
बेमोल ही बिकती हूँ...
कोई ढूँढ के ले आए,
मेरे पतझड़ के उन दिनों को;
जिन्हें याद करती हूँ और
पल-पल बिलख़ती हूँ...
जब भी अंबर को देखती हूँ तो सोचती हूँ
कि आख़िर क्या दे पाई मैं ख़ुद को?
निराशा, दुख, दर्द, और नीरसता के सिवाय!
मन और बुद्धि के मध्य के अंतर्द्वंद्व में
मैंने सदा ही मन को चुना,
और मेरा मन सदैव ही चुनता रहा नाकामियाँ।
नाकामियाँ, जिन्होंने मुझे
CM Chaitanyaa
जिनकी जटाओं से भी, बहे करुणा की धार वो शिव हैं,
जो कण-कण में व्याप्त, ब्रह्माण्ड के आधार वो शिव हैं।
शिव हैं साधना तो साध्य भी शिव हैं,
शिव आराधना-आराध्य भी शिव हैं।
शिव ही तो शक्ति शिव ही तो भक्ति,
शिव हैं मुक्ति और बाध्य भी शिव हैं।
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शृंगार मात्र सज्जा ही नहीं है, एक रीति है। उसका एक उद्देश्य है, एक अर्थ है, एक नीति है।
देह का शृंगार होता है संपदा से, और आत्मा का विपदा से।
आत्मा करती है शृंगार अपने पिय (परमात्मा) को रिझाने को। वो करती है साधना प्रेम में शून्य हो जाने को।
करुणा का 'परिधान' धारण कर, शीलता की चुनर ओढ़ती है। ये वस्त्र रंग में लाल तो नहीं, परंतु पवित्रता उससे कई ज़्यादा होती है।
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तुलसी... तुलसी मात्र एक पौधा नहीं है,
एक आस्था है, विश्वास है,
वो भक्ति है, आँगन की शोभा है।
जिस प्रकार तुलसी रक्षा करती है उस घर की
जहाँ उसका निवास होता है,
उस घर को अपना मान वो न्यौछावर हो जाती है
लड़ती है कीटों और ऊर्जाओं से, #yqbaba#yqdidi#yqhindi#yqquotes#bestyqhindiquotes#तुलसी_और_स्त्री
CM Chaitanyaa
आरंभ से उत्पन्न होने वाला अंत
निःसंदेह ही व्याकुलता के शिखर पर
नित्य करता है ताण्डव।
जन्मता है मृत्यु का भय और,
करता है प्रतीक्षा उस परम् सत्य की जो उसे
मिलता है अनंत जन्मों में
जीवन पर्यन्त भ्रमण करने के पश्चात।
लौकिक, अलौकिक सुख प्राप्त करते ही #Truth#yqbaba#yqdidi#yqtales#yqhindi#बुद्ध#bestyqhindiquotes
CM Chaitanyaa
कभी-कभी एक तंतु उलझा देता है पूरे मनुष्य को, और मनुष्य लग जाता है फिर उसे सुलझाने में।
कितना अजीब है उस धागे का छोर ढूँढकर फिर उसे वैसे ही लपेटना जैसे..... जैसे मनुष्य लपेटता है अपनी उन सभी महत्वाकांक्षाओं को जो कि मात्र एक स्वप्न रह जाती हैं!
जैसे मनुष्य लपेटता है अपनी उन सभी बुरी स्मृतियों को जल्दी-जल्दी, जो कि फिर उसे भटका देती हैं भूत-भवन में जहाँ वो बिलकुल अकेला होता है!
जैसे वह तंतु स्वयं विकल हो उठता हो पुनः अपनी वास्तविकता प्राप्त करने को, क्योंकि उसे विदित है उसका अस्तित्व जो केवल ब #yqbaba#yqdidi#yqtales#yqhindi#yqquotes#धागा