(जब कोई इंसान किसी छोटे पंछी को पिंजरे में बंद कर देता हैं तब पक्षी यह सोचता होगा...)
पैदा हुए थे हम इस गरदिश में।
कि खुशी से चहके गे खुले आकाश में।
पंख पसारे भी नहीं थे,
कि पंख काट दिए गए।
क्या कसूर था? हम नादान पंछियों का
कि पिंजरे बांट दिए गए....💔
#corona