लेखनी का दास, विधा से सदा स्वच्छंद हूँ मैं शब्द संयोजन से निर्मित एक नवल छंद हूँ मैं मसि विचारों की चले, जब पृष्ठ हों एकांत के स्वह्रदय और सह्रदय के काव्य का आनन्द हूँ मैं क्वचित अमृत काव्य का हूँ क्वचित् हितकर विष हूँ मैं, "नैमिष" हूँ मैं
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"
डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"