ये एक पल था जिसमें कोई कहानी न थी,
खामोशियों में भी नशा होता है,
जो मैंने जानी न थी..
चल पड़े हमदोनो अपनी अपनी राह में,
फ़िर कब मिल पाएंगे एक दूजे की चाह में..
उस शाम का इंतज़ार अब रोज़ हो जाता है,
उसकी याद में प्यार अब रोज़ हो जाता है..
चलो एक किरदार लिखती हूँ, #lost#कविता