जनवरी किसी का मकान छीन रहा है,
दिसम्बर अपने बुढ़ापे के दिन गिन रहा है।
#coldnights
Manish Yadav
तुझ बिन जो सांसे मरती है
बही खाता भुला दूँ या उसका हिसाब रखूं ?
एक कलम का स्याही पूछ रहा है
तुम्हारे लब अगर बोलते हैं बोलो क्या जवाब लिखूं?
#Love
Manish Yadav
शायरी
तुम्हें ढूंढता हूं पर कोई खबर नही मिलता
इश्क में सुकून का कोई शहर नही मिलता
तुम बिन नजर की तलाश बदल जाए
ऐसा जमाने से मेरा हुनर नही मिलता
"आवारा दिल"