मैं इक वीरान बस्ती में, मैं पागल ख़ुद परस्ती में
मैं अब अपनी ही मस्ती में, मैं इक सहरा की कश्ती में
अकेला जी रहा हूँ मैं
सभी दुख पी रहा हूँ मैं
मेरे आने की अब मुझको भी है उम्मीद नहीं कोई
मगर फिर भी मेरा दिल कह रहा है बस यही इक बात
मैं वापस लौट आऊँगा
#yours#prabhatraghuvanshi
Prabhat Raghuvanshi
बमुश्किल खींची है
कुछ लकीरें ख्यालों ने ,
और बनाया है
तुम्हारा चेहरा फारेहा !
न सता'ओ मुझको ,
न रुला'ओ मुझको ,
चश्म-ए-नम करके मेरी ,
अपनी तस्वीर को #yours
Prabhat Raghuvanshi
ये फूल पत्तियां कितने खुश थे,और उन पर
बैठा भवरों का झुंड एक राग पैदा कर रहा था
वो एक बोसा जो जन्म दे रहा था सुरों को
जो कहकशाओ के बीच में संगीत भर रहा था
फिर ये अचानक से क्या हुआ है..?
कहाँ गयी है वो सुरीली धुन #yours
Prabhat Raghuvanshi
रात एक नागिन सी है
हल्का-हल्का डसती है
रोज़ ज़ख़्मी करती है
हमको ये भरोसा है
Prabhat Raghuvanshi
कुछ ख्याल के किस्से कुछ हमख्याल के किस्से
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कई दिनों से #yours
Prabhat Raghuvanshi
कभी कहीं पर किसी सफर में
उदास लम्हों की रहगुजर में
मैं अपने मुस्तकबिल से खौफ खाकर
और अपनी हालत से तंग आकर
पलटकर जब भी मैं अपनी माजी को देखता हूं
तो सोचता हूं –
किसी की पहली किताब था मैं #yours
Prabhat Raghuvanshi
From "wandering in every minute" to "sitting silently in one place continuously for hours" Depression teaches us stability .
Prabhat Raghuvanshi
I sat alone in the dark
Beside a cold damp road.
I sat feeling sad and unwanted
By those who passed me by.
Some people with lanterns would walk by,
They would say “Wait for God, For he is coming!”;
“He is the light and he loves you no matter what!” #yours
Lost, Alone, And On The Edge
All these voices,
Yet I'm still alone.
I need a friend,
I whispered in an empty room.
No one answered...
They all say, #yours