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nojotouser2233929695
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Kartik Kumar Dey

Hum se mtt pucho.. Zindgi k baare me... Ajnabi kya janne... Ajnabi ke bare mei..

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Kartik Kumar Dey

बहुत अकेल थे, बहुत अकेले थे, 
हजारों अपनों में,
समझ सबको रहे थे, 
बेसमझ हो कर,
साथ सबका था, 
फिर भी महफिल में अकेले थे,
बातें सब से करनी है,
मगर मालूम नही, क्या बातें करनी है,
कुछ तो अजब हो रहा है,
गज़ब की बात है,मालूम नहीं ।
हजारों अपनों में फिर भी अकेले थे।
✍️कार्तिक कुमार

©Kartik Kumar Dey #GoldenHour
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Kartik Kumar Dey

रेत की तरह हो गई है जिंदगी।
कण कण निकलती जा रही है जिंदगी।
क्या मालूम क्या मोड़ है जिंदगी का।
समझ नही आता क्या सही है, क्या गलत।
फिर भी आज़ाद मुठ्ठी में बंद है,
कण कण निकल रही, है जिंदगी की,
रोज़ाना कर्मकाठ में,
बस बड़ते जा रहा हूं, किस और एह पता नही।
रेत की तरह हो गई। है जिंदगी।
कार्तिक

©kartik kumar dey 230522
  #PhisaltaSamay #motivatation #status #shyari #Quote
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Kartik Kumar Dey

The More Caring... 
The More Attention giver....
Is The more..... 
Ignored By Society 
& 
All..... 
Experienced Well...

©kartik kumar dey 230522 #Fact #Quote #Quotes

Fact Quote Quotes

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Kartik Kumar Dey

ਕੁਝ ਜਖ਼ਮ ਕਦੀ ਨਹੀਂ ਭਰਦੇ,
ਓਹਨਾਂ ਨੂੰ ਉਮੀਦ ਦੀ ਚਾਦਰ ਨਾਲ,
ਢੱਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਬਸ।
ਫਿਰ ਕਿਸਮਤ ਤੇ ,
ਮੱਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ।

©ਕਾਰਤਿਕ ਕੁਮਾਰ
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Kartik Kumar Dey

Sometimes it difficult
 to explain...

So i remain Quite.....

©ਕਾਰਤਿਕ ਕੁਮਾਰ
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Kartik Kumar Dey

                       ਸੱਚਾਈ
ਹਲਕਾ ਹੋਇਆ ,
ਜਦੋ ਬੌਝ ਸਕੂਲ ਬੈਗ ਦਾ,
ਤਾ ਇਹ ਚੰਦਰੀ,
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਭਾਰੀ ਹੋ ਗਈ।
ਸਫ਼ਰਤਾ ਦੇ ਰਸਤੇ ਨਿਕਲੇ ਸੀ,
ਅਸਫ਼ਤਾ ਤੇ ਨਿਰਾਸ਼ਾ ਹੀ ਮਿਲਦੀ ਰਹੀ ਸੀ,
ਮਾਂ ਖੋਇਆ , ਜ਼ਿੰਦਗ਼ੀ ਅਧੂਰੀ ਹੋ ਗਈ,
ਫਿਰ ਤੋਂ ਚਲੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਕੁੱਝ ਸੁਪਨੇ ਪੂਰੇ ਕਰਨ।
ਬਹੁਤ ਸਵਾਲ ਉੱਠ ਰਹੇ ਸੀ,
ਆਪਣੀ ਹੀ ਅਸ਼ਤਿਵ ਤੇ,
ਦਸਿਆ ਵੀ ਕਿ ਦਸਦੇ ।
ਕਿਸਮਤ ਆਪਣੀ ਦਾ।
ਬਸ ਖਾਮੋਸ਼ ਰਹਿ ,
ਆਪਣੀ ਹੀ ਹਲਾਤਾਂ ਤੋਂ।
ਇਕ ਆਸ਼ ਤੇ ਏਕ ਉਮੀਦ ਉੱਤੇ।
ਕਾਰਤਿਕ

©ਕਾਰਤਿਕ ਕੁਮਾਰ
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Kartik Kumar Dey

लोग कहते है बदल गया हुं मैं।
उनको क्या मालूम वक्त के किस –
दौर से गुजर रहा हूं मैं।
ना भुला हू वक्त के तकाज़े को मैं,
ना ही भुला हू वो चेहरे –
जिनकी बदौलत एहसा हुं मैं,
कुछ चलते वक्त ने बुरा बना दिए,
कुछ लोगो ने अपनी तरफ,
 से बुरा समझ लिया।
दिल के करीब रख कर , 
एह्सा सीख सिखिया।
दुबारा विश्वाश करना,
 किसी पर जैसा कुछ था ही नहीं।
अभ चुप रहता हुं, ना मतलब किसी से ,
ना ही नाता किसी के संग,
बस जीना सीख लिया है मैने,
एक अकेलेपन में– साथी मिला ,
जो उजाले में साथ रहता है तो,
हौसला देता है,
अंधेरे में साथ हो कर भी दिखाई नि देता,
फिर भी हौसला बुलंद देता है।
अभ सीख लिया है मैने जीना,
एक अकेलेपन के साथी के साथ।
कार्तिक कुमार

©ਕਾਰਤਿਕ ਕੁਮਾਰ #Shadow
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Kartik Kumar Dey

इतफाक से बहुत से इतफक हुए है।
वक्त ने बहुत से परीक्षा ले लिए है।
वक्त से पहले बहुत कुछ खो लिया है।
आज हस लेता हूं सब के साथ।
क्यों की वक्त ने इतमिजाज से रुलाया जो हैं।
इल्जाम भी है मेरे ऊपर काफ़ी,
वक्त के चलते दौर में सुना के भी गए है,
गुस्सा—अभिमान सब पी लिया दूसरो का।
अभ चुप हू, वक्त के खेल में।
जिस दिन बोलूंगा सब को चुबूंगा।
कुमार सिर्फ वक्त के दौर में चुप है।
दिल में तबाही बहुत है।
बस सही वक्त का इंतजार है।
: कार्तिक कुमार

©ਕਾਰਤਿਕ ਕੁਮਾਰ
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Kartik Kumar Dey

Kisi shyar ne kya khub likha ,.
Zindgi me 2minute ,
Koi mere pass na baitha,
Aj sab mere pass ,
baithe ja rehe hai..
Koi tohfa na mila ajj tak ...
Ajj phool hi phool 
Diye ja rehe hai...
2 kdam saath chlne ,
ko tyr na tha koi..
Aur ajj kafila bnn ,
Saath chl rehe the...
Taras gye the tab , 
Ek haath k liye..
Aur ajj kandhe se kandhe ,
diye ja rehe the...
Ajj pta chla ki maut ,
kitni hasseen hoti hai...
Kambakth hum to yuhi ,
zindgi jiye ja rehe the ...

©ਕਾਰਤਿਕ ਕੁਮਾਰ #Journey
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Kartik Kumar Dey

निकले थे घर से बाहर घर बनाने के लिए।
निकले थे घर से बाहर घर बनाने के लिए।
क्या मालूम था, किस्मत में नसीब ना थी
घर लोट कर "माँ" को ही गले ना लगा पाऊंगा।
किस्मत ने भी बड़ी नजदीक से छिन्न लिया ,
वो तोहफा , वो सकून वाली गोद,
अब ना आयेगी वो सकून वाली नींद कभी,
जो बचपन में "माँ" के गोद में आया करती थी,
बचपन से ही मैं बहुत गुस्से वाला था ना " माँ",
अब पता नहीं गुस्सा आता ही नहीं,
तुम पर गुस्सा कर लेता था माँ, पर फिर भी तुम —
खुद मुझे मना लेती थी, माफ़ी मांगता था तो कह देती थी,
"बस कोई बात नहीं परेशान होगा तभी ऐसा किया तूने"। 
तुम्हारे जाने के बाद जिंदगी सुनी सी हो गई है।
कभी कभी तुम्हारे संग हंसी के दिन याद कर के हस भी लेता हु,
तो कभी वो दिन वो वक्त याद आता हैं, 
जैसे तुमने हमको छोड़ कर गई थी।
पल पल अंदर से खाली कर देता हैं,
तेरे से मिलने की ईशा इतनी थी के भगवान से भी रहा नहीं गया ।
उसने , तुमको वहा बुला लिया ना तुम हमको मिल सकती हो ना ही हम दोनों भाई तुमको।
(कार्तिक – अमित)

©ਕਾਰਤਿਕ ਕੁਮਾਰ
  #मां #maa
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