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mdfaizkhanpoeter1654
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Md Faiz Khan (poeter)

KHAN SAAB

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Md Faiz Khan (poeter)

زندگی کے اس حصے میں جہاں 
عید کے کپڑے لینے کو بھی دل نہیں کرتا 🥀




Zindagi ke us hisse me Jahan
Eid ke kapde lene ko bhi dil nahi karta.

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Md Faiz Khan (poeter)

لوگ پوچھتے ہے میری خوشیوں کا راز..!
اجازت ہو تو آپکا نام لے لوں۔۔؟


log puchte hai meri khushiyon ka raaj..!
Izajat ho to aapka naam le loon  ?

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Md Faiz Khan (poeter)

मुझको पानी में उतरने का इशारा करके।
जा चुका चांद समुंदर से किनारा करके।

 तजुर्बा एक ही काफी था इबरत के लिए।
मैंने देखा ही नहीं इश्क दोबारा करके।

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Md Faiz Khan (poeter)

दाग दुनिया ने दिए, जख्म ज़माने से मिले।
हमको ये तोहफ़े तुम्हे दोस्त बनाने से मिले।

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे।
वो फलाने से फलाने से फलाने से मिले।

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Md Faiz Khan (poeter)

ख़ाक था इसलिए मैं मिट्टी में मिलाया गया था।
हंसते हंसते अचानक ही यूं रुलाया गया था।

मुझ में वो वस्फ़ कहा की, मैं रौनक ए महफिल बनता।
इसलिए मैं पिछली सफो में पाया गया था। वस्फ़- गुण
सफ- कतार

वस्फ़- गुण सफ- कतार

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Md Faiz Khan (poeter)

बैठें है चैन से कहीं जाना तो है नहीं।
हम बेघरों का कोई ठिकाना तो है नहीं।

तुम भी हो बीते वक़्त के माइंद हुबहू।
तुम ने भी याद आना है, आना तो है नहीं।

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Md Faiz Khan (poeter)

बैठें हैं चैन से कहीं जाना तो है नहीं।
हम बेघरों का ठिकाना तो है नहीं।

तुम भी हो बीते वक्त के माइंद हुबहू।
तुम ने भी याद आना है, आना तो है नहीं।

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Md Faiz Khan (poeter)

ایسی قضا کے کہر میں ایسی ہوا کے زہر میں
زندہ میں ایسی سہر میں اور کمال کیا کریں

ऐसी कज़ा के कहर में ऐसी हवा के ज़हर में 
ज़िन्दा में ऐसे शहर में और कमाल क्या करें ।

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Md Faiz Khan (poeter)

تمہیں غيروں سے کب فرصت ہم اپنے گم سے کم خالی
چلو بس ہو چکا ملنا نہ تم خالی نہ ہم خالی


तुम्हें गैरों से कब फुरसत, हम अपने गम से कम खाली।
चलों बस हो चुका मिलना ना तुम खाली, ना हम खाली ।

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Md Faiz Khan (poeter)

Kal ki fiqar nhi...
bas aaj sukoon chaiye...🥀

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