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sunilkumarmaurya6950
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White  शुभ रात्रि

दिन ढलते ही अपनों को
शुभ रात्रि कहतें हैं
काम काज व भाग दौड़ से
सभी थके रहतें हैं

उड़ आयेगा चाँद गगन में
झिलमिल झिलमिल तारे
खुश को जाए तन मन उसका
जो भी इन्हें निहारे

किसी को अवशर मिला सुनहरा
आज करेगा चोरी
कोई निकला है निर्जन में
बुला रही है गोरी

किसी को मिठी नींद मिलेगी
सुंदर सुंदर सपने
बेखुद हमराही को  लेगा
आलिंगन में अपने

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #GoodNight  प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता प्रेम कविता

#GoodNight प्यार पर कविता हिंदी कविता कविता प्रेम कविता

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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White           अहिंशा

होगी शांति जगत में यदि
करे अहिंशा राज
देंगे हम स्थान हृदय में
पहनाएँगे ताज

उसका राज अगर होगा तो
आएगी समृद्धि
न्याय व्यवस्था होगी सुदृढ़
होगी सुख में वृद्धि

प्रेम हिलोरें मरेगा जब
अंतर्मन में सबके
भेदभाव मिट जाएगी तब
खुश होंगे हर तबके

हिंशा को ना जगह मिलेगी
न होगा अस्तित्व
बेखुद उदित  तभी होगा
जनहित का आदित्य

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #अहिंशा
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White जीवन के पगडंडी में है
कई नदी नाले हैं
मिल जातें हैं सेतु अगर तो
हम किस्मत वाले हैं

हो जाती आसान जिंदगी
यदि मिलते शुभचिंतक
गला सूखने लगता है तो
हमें पिलाते शर्बत

जगह जगह वो वृक्ष लगते
लगे न हमको धूप
अमिय प्रेम का बरसाते हैं
बन करके नलकूप

बेखुद साथ हो अपनों का तो
हर बाधा हो पार
खुशी बाँट कर जीना सीखें
यह जीवन उपहार

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #sad_qoute
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White करें चाकरी दूर देश में
जाकर के गैरों की
तिलक लगाते हैं मस्तक पर
रज उनके पैरों की

मातृभूमि पर नहीं गर्व है
कहते उसको गंदी
अपनों पर न दया दिखाएँ
प्रगति करें औरों की

पले बढ़े वो जिस मिट्टी में
उससे आती घिन है
सुंदर पुष्प देख मचलें हैं
गए भाँति भौरों की

बेखुद उन्नत शिक्षा पाकर
भूले ऋण मिट्टी का
चकाचौंध के संग उड़े हैं
बात भूल पितरों की

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #Sad_Status
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

कठपुतली          

नचा रहा कर कोई इशारा
नाच रही कठपुतली
विवश हुई कुछ कर नहीं सकती
उसपर हावी ऊँगली

सभी चाहते दुनिया उनके
आगे हो नतमस्तक
सारा रस पान करें फिर
लोग चबाएँ गुठली

कोई भी शासन में आए
चले उन्हीं का सिक्का
ऐसा जाल बना दें जग में
जोड़ जोड़ कर सुतली

बेखुद कठपुतली कहती है
बहुतेरे मुझ जैसे
असल खिलाडी कोई और है
वो पुतला है नकली

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #कठपुतली
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White               लालच

जिसके मन में धर कर जाती
होता है कभी संतृप्त नहीं
सुख से कटते हैं दिन उसके
जो हो लालच में लिप्त नहीं

तन है जब तक जीवित अपनी
अभिलाषा शांत नहीं होती
लालसा पर करती हद को
जब तक होते विक्षिप्त नहीं

हम भटक रहे कुछ पाने को
मिलते ही भटकने फिर लगते
ये भाग दौड़ रहती तबतक
जबतक हम होते रिक्त नहीं

छल कपट दंभ से भर जाते
अपनों से बैर कर लड़ जाते
बेखुद पर प्यास नहीं बुझती
हमको मिलती है तृप्ति नहीं

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #लालच
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

दास

विजय नहीं जो खुद पर पाता
बन जाता है दास
इक पिजरे में कैदी बनता
घुटती रहती साँस

मन उसको कर लेता वश में
हरदम है भटकाता
छल से है विवेक छीनकर
कर देता है नाश

सदा लक्ष्य से दूर भटकता
लगता कभी न हाथ
मन उसको करने नहीं देता
मन से उस प्रयास

बेखुद दास बनाए मन को
वही बने दिग्विजयी
जीवन में हर बाधा की वह
करता सत्यानाश

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #दास
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White गहन अंधकार है सर्वत्र
गगन के छुप गए नक्षत्र 
दूर से वृक्ष प्रतीत होते हैं
कि जैसे भूत हों एकत्र

नेत्र भूलें हैं अपना काम
चाहते वो करें आराम
दिशाएँ हो चुकीं हैं लुप्त
मार्ग का अब रहा न ज्ञान

नहीं कदमों पर है यकीन
कहीं  खिसके नहीं जमीन
कहीं है कूप तो कहीं खाई
कोई प्राणों को ले न छीन

ठिठक गयें है थके पाँव
जैसे उनका यहीं पड़ाव
चाहतें हैं करें विश्राम
जैसे बेखुद हो यहीं ठाँव

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #good_night
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White कोई सेतु पर खड़ा है
नीचे अथाह जल
पीड़ित है आज से वो
ठुकरा रहा है कल

वह चाहता कल को
अब देखना नहीं
तूफ़ाँ न उसके दिल की
उससे रही सम्हल

जीना न चाहता है
मरने से डर रहा
मजबूर है वो दिल से
कटते नहीं है पल

बेखुद बचा न चारा
वो जिंदगी से हारा
अपनों को अलविदा वो
कहकर गया उछल

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #Sad_Status
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Sunil Kumar Maurya Bekhud

White झिलमिल है आकाश
कौन सा उत्सव है
आधी रात गुजर गई
न कोई कलरव है

झोली भरी खुशी से
करती आलिगन
नवजीवन का कोई
करता अभिनंदन

किसी के उर में सन्नाटा
चक्षु सेअश्रु झरें
जैसे कोई पशु  आवारा
उसके खेत चरे

कोई सपनों में डूबा
कोई रोया है
बेखुद कोई सुख पाया
कोई खोया है

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #sad_shayari
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