कैसा है परिवार आजकल
कैसे बहू और बेटे
सास ससुर उपहास बने
इज्जत स्वयं समेटे...
बेटा बाप के आंगन में
उनको इक कोना देता है
जिनके महलों में राज किया
उनको फटा बिछौना देता है #Poetry#Reality#Hindi#poem#bittertruth
अनुज
मुश्किल है सफर लेकिन
नामुमकिन तो नहीं,
डगर कोई भी हो लेकिन
कांटों के बिन तो नहीं
छोड़कर सर्वस्व अपना
एक दांव खेला जाए,
भीड़ से हटकर कोई,
कहीं तो अकेला जाए, #Poetry#Drown