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deepbodhi4920
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दीपबोधि

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दीपबोधि

White दोस्ती की आज क़समें खा रहा संसार है
मुफ़लिसी में साथ दे जो वो ही अपना यार है

दुश्मनी फिर भी भली, ना दोस्ती नादान की
जान पायेगा नहीं वो कब बना हथियार है

तंगदिल से दोस्ती यारो कभी होती नहीं
दोस्ती में दिल खुला हो प्रीति की दरकार है

रूप अपना किसने देखा किसने जाना दोस्तो
दोस्ती कर आईने से आइना तैयार है

हम समझते थे वहाँ हैं यार यारों के हमीं
अब यहाँ पर जान पाए वाक़ई क्या प्यार है

©दीपबोधि #GoodNight  हिंदी शायरी लव शायरी दोस्ती शायरी शायरी लव शायरी

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दीपबोधि

White हमारे चेहरे पे ग़म भी नहीं, ख़ुशी भी नहीं
अंधेरा पूरा नहीं, पूरी रौशनी भी नहीं

है दुश्मनों से कोई ख़ास दुश्मनी भी नहीं
जो दोस्त अपने हैं उनसे कभी बनी भी नहीं

मैं कैसे तोड़ दूँ दुनिया से सारे रिश्तों को
अभी तो पूरी तरह उससे लौ लगी भी नहीं

अजीब रुख़ से वो बातों को मोड़ देता है
कि जैसे बात ग़लत भी नहीं, सही भी नहीं

तुम्हारे पास हक़ीक़त में इक समुन्दर है
हमारे ख़्वाब में छोटी-सी इक नदी भी नहीं

कोई बताये ख़ुशी किसके साथ रहती है
हमें तो एक ज़माने से वो दिखी भी नहीं

लो फिर से आ गये बस्ती को फूँकने के लिये
अभी तो पहले लगाई हुई बुझी भी नहीं

अजीब बात है दीपावली के अवसर पर
करोड़ों बच्चों के हाथों में फुलझड़ी भी नहीं

©दीपबोधि #gandhi_jayanti  शेरो शायरी दोस्ती शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी

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दीपबोधि

White दोस्ती की आज क़समें खा रहा संसार है
मुफ़लिसी में साथ दे जो वो ही अपना यार है

दुश्मनी फिर भी भली, ना दोस्ती नादान की
जान पायेगा नहीं वो कब बना हथियार है

तंगदिल से दोस्ती यारो कभी होती नहीं
दोस्ती में दिल खुला हो प्रीति की दरकार है

रूप अपना किसने देखा किसने जाना दोस्तो
दोस्ती कर आईने से आइना तैयार है

हम समझते थे वहाँ हैं यार यारों के हमीं
अब यहाँ पर जान पाए वाक़ई क्या प्यार है

©दीपबोधि #sad_qoute  शायरी attitude शायरी हिंदी शेरो शायरी शायरी हिंदी में

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दीपबोधि

White न मेरा है न तेरा है ये हिन्दुस्तान सबका है
नहीं समझी गई ये बात तो नुक़सान सबका है

हज़ारों रास्ते खोजे गए उस तक पहुँचने के
मगर पहुँचे हुए ये कह गए भगवान सबका है

जो इसमें मिल गईं नदियाँ वे दिखलाई नहीं देतीं
महासागर बनाने में मगर अहसान सबका है

अनेकों रंग, ख़ुश्बू, नस्ल के फल-फूल पौधे हैं
मगर उपवन की इज़्ज़त-आबरू-ईमान सबका है

हक़ीक़त आदमी की और झटका एक धरती का
जो लावारिस पड़ी है धूल में सामान सबका है

ज़रा से प्यार को ख़ुशियों की हर झोली तरसती है
मुक़द्दर अपना-अपना है, मगर अरमान सबका है

'उदय' झूठी कहानी हैं सभी राजा औ रानी की
जिसे हम वक़्त कहते हैं वही सुल्तान सबका है

©दीपबोधि #Sad_Status  खूबसूरत दो लाइन शायरी शायरी दर्द शायरी हिंदी में

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दीपबोधि

White आप कहने को बहुत ज़्यादा बड़े हैं
असलियत यह है मचानों पर खड़े हैं

ख़ास कंधा, दास चंदा, रास धंधा,
एक अंधे दौर के सिर पर चढ़े हैं

कीजिए झट कीजिए इनकी नुमाइश,
आपके आदर्श फ्रेमों में जड़े हैं

कोई सच्चाई यहाँ टिकती नहीं है
क्रांति के वक्तव्य क्या चिकने घड़े हैं?

हर किसी में दम नहीं इनको निभाये,
आदमीयत के नियम ख़ासे कड़े हैं

वो लड़ेंगे क्या कि जो ख़ुद पर फ़िदा हैं,
हम लड़ेंगे, हम ख़ुदाओं से लड़े हैं

©दीपबोधि #good_night  खूबसूरत दो लाइन शायरी

#good_night खूबसूरत दो लाइन शायरी

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दीपबोधि

White ज़िन्दगी-सी यों ज़िन्दगी भी नहीं
किन्तु मंजूर ख़ुदक़ुशी भी नहीं

सिलसिलेवार मौत जीते हैं
ज़िन्दगी की घड़ी टली भी नहीं

दिल की दुनिया उजाड़ दी ख़ुद ही
गो कि फ़ितरत में दिल्लगी भी नहीं

बेख़ुदी का मलाल कौन करे
काम आई यहाँ ख़ुदी भी नहीं

कट गई उम्र, उठ गई महफ़िल
बात ईमान की चली भी नहीं

प्रश्न उठता है मैं नहीं हूँ कहाँ
और उत्तर में मैं कहीं भी नहीं

©दीपबोधि #good_night  शायरी दर्द शायरी हिंदी दोस्ती शायरी

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दीपबोधि

White न देखो पीर उर की, पर अधर की प्यास तो देखो
निहारो मत दिये को, पर शलभ की लाश तो देखो

न कहना फिर तड़प का कुछ असर होता नहीं जग में,
धरा के ताप पर रोता हुआ आकाश तो देखो

सही है, रिक्त हूँ मैं ज़िन्दगी की मुस्कराहट से,
व्यथाओं ने दिया है जो मधुर उल्लास तो देखो

इधर उपवन हुआ वीरान है, यह मानता हूँ मैं
उधर अंगड़ाइयाँ लेता हुआ मधुमास तो देखो

नहीं मालूम तुमको ख़ुद तुम्हारे ईश की सूरत
मनुज की भावना का यह सबल उपहास तो देखो

रुपहली रात में माना व्यथित आँखें बरसती हैं
घनी काली घटाओं में तड़ित का हास तो देखो

न मापो ज़िन्दगी में दर्द की गहराइयों को तुम
हृदय के अंक में पलता हुआ विश्वास तो देखो

©दीपबोधि #Sad_Status  शायरी लव शायरी हिंदी में शायरी दर्द दोस्ती शायरी

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दीपबोधि

White न देखो पीर उर की, पर अधर की प्यास तो देखो
निहारो मत दिये को, पर शलभ की लाश तो देखो

न कहना फिर तड़प का कुछ असर होता नहीं जग में,
धरा के ताप पर रोता हुआ आकाश तो देखो

सही है, रिक्त हूँ मैं ज़िन्दगी की मुस्कराहट से,
व्यथाओं ने दिया है जो मधुर उल्लास तो देखो

इधर उपवन हुआ वीरान है, यह मानता हूँ मैं
उधर अंगड़ाइयाँ लेता हुआ मधुमास तो देखो

नहीं मालूम तुमको ख़ुद तुम्हारे ईश की सूरत
मनुज की भावना का यह सबल उपहास तो देखो

रुपहली रात में माना व्यथित आँखें बरसती हैं
घनी काली घटाओं में तड़ित का हास तो देखो

न मापो ज़िन्दगी में दर्द की गहराइयों को तुम
हृदय के अंक में पलता हुआ विश्वास तो देखो

©दीपबोधि #GoodMorning  शायरी attitude खूबसूरत दो लाइन शायरी दोस्ती शायरी

#GoodMorning शायरी attitude खूबसूरत दो लाइन शायरी दोस्ती शायरी

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दीपबोधि

White ख़ुद को मैं समझाता कब तक
सच को मैं झुठलाता कब तक

इकतरफ़ा था प्यार मेरा, मैं
तुम पर हक़ जतलाता कब तक

मेरा मन रखने की ख़ातिर
वो, सपनों में आता कब तक

दुनियादारी के चंगुल से
आख़िर मैं बच पाता कब तक

आख़िर अपनी तन्हाई से
'दीपक' मैं लड़ पाता कब तक

©दीपबोधि #GoodMorning  दोस्ती शायरी दोस्त शायरी हिंदी शायरी शायरी लव

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दीपबोधि

White किसी पे राज़-ए-मुहब्बत न आशकार किया
तेरी नज़र के बदलने का इंतज़ार किया

न कोई वादा था उनसे न कोई पाबन्दी
तमाम उम्र मगर उनका इंतज़ार किया

ठहर के मुझपे ही अह्ल-ए-चमन की नज़रों ने
मेरे जुनून से अंदाज़ा-ए-बहार किया

सहर के डूबते तारो, गवाह रहना तुम
कि मैंने आख़िरी साँसों तक इंतज़ार किया

जहाँ से तेरी तवज्जोह हुई फसाने पर
वहीं से डूबती नज़रों नसे इख्तिसार किया

यही नहीं कि हमीं इंतज़ार करते रहे
कभी-कभी तो उन्होंने भी इंतज़ार किया

©दीपबोधि #sad_quotes  शायरी लव खूबसूरत दो लाइन शायरी

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