खुद की ही वफाओं से बर्बाद हूं मैं
एक बात बताओ........
क्यों तुम्हें अब भी याद हूं मैं.....
मैं अपनी ही ख्वाहिशों में डूब जाऊंगा
तुम पुछो तो एक बार.......
मैं खुद से भी ऊब जाऊंगा......
Pramod mahar
..मैं अधूरा जी रहा हूं..
..हर दम ए कहरहा हूं..
..मुझे तेरी जरूरत है..
..मुझे तेरी जरूरत है..
Pramod mahar
बेशक मुझे करना है इंतेज़ार उसका
बावजूद इसके की वो ना आएगी
ये आदतें हैं हमारी अपनी अपनी
कोशिश के बाद भी तो नहीं छूट पाएंगी
Pramod mahar
#गुस्ताखियां##
Pramod mahar
वो हमसे रूठ के कब का दूर जा चुके थे
हमें तो एहसास भी नहीं की हम तन्हा हो चुके थे
हम करते रहे इंतेज़ार उनके लौट आने का
वो फिर न आने की ज़िद लिए हमेशा कै लिए जा चुके थे......
Pramod mahar
### इश्क ए शरारतें###
Pramod mahar
##कि वो समझें इस कदर
मैं लिखता जाऊं ,लिखता जाऊं बेखबर##
#feellove