Nojoto: Largest Storytelling Platform
poojasharma1990
  • 5Stories
  • 65Followers
  • 39Love
    100Views

Pooja Sharma

I am a student, I like poem

  • Popular
  • Latest
  • Video
60dc2cb00347403eac8a1a0d0e8a1b01

Pooja Sharma

रंग बिरंगे रंग हो

रंग बिरंगे रंग हो #कविता

60dc2cb00347403eac8a1a0d0e8a1b01

Pooja Sharma

रंग बिरंगे फूल हो, रंग बिरंगे रंग हो, 
रंग बिरंगी तितली हो, कितनी तुम लगती रंग बिरंगी हो मिलते जुलते हो, 
रंगो ने जीवन  के प्यार की उमंग जगाई 
रिश्तो को रंगो ने कितना सजाया है

©Pooja Sharma रंगो की कहानी

रंगो की कहानी #कविता

60dc2cb00347403eac8a1a0d0e8a1b01

Pooja Sharma

संध्या का इशारा हुआ
यामिनी  आयी, यामिनी चल चली
सुबह महक उठी  जिंदगी फिर राह चल चली
सपनों की गुंजाइश है  
यामिनी आयी थी सपनों को सजा गई थी उम्मीद जग उठी थी
उम्मीद का पिटारा बान्ध कर राह चल चली
शरद हवा  महक उठी ,पंछी चहक उठे 
साथ कुछ दे गई  साथ कुछ कह गये
ठिठुरते हम मंजिल ओर चल पड़े
पैदल चलते -चलते  निकल पड़े

©Pooja Sharma #sunrays
60dc2cb00347403eac8a1a0d0e8a1b01

Pooja Sharma

फीकी गली है अकेली सड़क है। 
हम अकेले चल पड़े है ना मोजूद ठहरने की डगर है । 
हम थके हुए लेकिन बैठने की फुर्सत नहीं है। 
सूनी गली है सड़क अकेली है। 
मैं कैसे ठहर जाऊँ मैं भी अकेली चल पडी़ हूँ। 
सड़क पार करना है उस गली का सूनापन दूर करना है। 
जिस गली से हम चल पड़े थे । 
आखिर ठहर कर हमें वहीं नहीं बैठ जाना है । 
सिर्फ हमें सिर्फ हमें फीका और सूनापन मिटाना है  l
हाय! हम चल पड़े कैसे ठहर जाय ।  
पूजा शर्मा

©Pooja Sharma #together
60dc2cb00347403eac8a1a0d0e8a1b01

Pooja Sharma

कैसा चारों जगह अंधेरा छाया
प्रकृति हर जगह सूना ही पाया
पशु पक्षी ही ना ठहर पाये
पेड़ पोधे हर जगह से काट डालें
कैसा चारों जगह अंधेरा छाया
पशु पक्षी सुबह- शाम  चहका करते थे
पेड़ पौधों पर ठहरा करते थे 
पेड़ पौधों की वो सुन्दरता 
वो फलों से लदा पेड़ 
हमकों कितना छाया देता था
पशु पक्षी की आवाज़
 हमारे मन को कितनी भांति थीं
हमनें ही हमारी प्रकृति को उजाड़ डाला है
ना सोचा यह कितना भयानक कर डालेगा
हमने हमारी प्रकृति की सुन्दरता निचोड़ डाली
प्रकृति कुछ अंशो दूर कर डाला
कैसा चारो जगह अंधेरा छाया
इंसान कब जागेगा , 
कैसा चारो जगह अंधेरा छाया
इंसान को अब संभलना होगा ,,
देर तो हुई,नुकसान भी हुआ, 
भरपाई तो करनी होगी
कुछ शरीर को झेलना होगा
कुछ आत्मा को सहना होगा
कुछ सांसो भरपाई करनी होगी
जो हुआ ,पर अब उठना होगा
घर घर पेड़ लगाना होगा
पक्षी को बसेरा देना होगा
कैसा चारो जगह अंधेरा छाया
      प्रकृति हर जगह सूना ही पाया ।  pooja Sharma

©Pooja Sharma #selflove

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile