जमीं पे बैठ कर आसमाँ को कोसना छोड़ दिया है,
हाँ , ये सच है कि मैंने अब उड़ना छोड़ दिया है ,
वो जो दो लब है तुम्हारे जमीं-आसमाँ से लगते हैं,
चुमना तो दूर मैंने उन लबों को देखना छोड़ दिया है।
#LoveWinsNotTheTruth
Nasin Nishant
तुम झील तो मैं कोई साहिल हूँ,
तुम दर्द तो मैं कोई कातिल हूँ,
न-जाने क्यूँ दूर हूँ मैं तुमसे अब,
हाँ,तुम उड़नपरी तो मैं कोई राहिल हूँ ।
#lovewins#LoveIsGreaterThanTruth
Nasin Nishant
हम चिराग जलाना चाहता थे दिल में उनके,
उन्होंने मेरे अरमां जला दिये !
H a p p y D I W A L I !