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sujatamaheshwari9839
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Bawari

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Bawari

ज़िन्दा तो हूं ,पर ज़िन्दगी कहीं खो सी गई है
चलती तो हूं,पर राहें कहीं थम सी गई है।।

हर रोज लड़ती हूं खुद से, चंद सांसों के लिए,
सुबह से शाम तक चलती हूं, खोई हुई राहों के लिए ।

मिल जाएं अगर राहें ,तो मंजिल तलाश लेंगे
सासों से रोज लड़कर , ज़िन्दगी संवार लेंगे ।

चल माना आज ज़िन्दगी आज संवार लेंगे,
क्या ख्वाहिशों के बिना उसे ज़िन्दगी का नाम देंगे।।

कुछ ख्वाहिशें भी पूरी कर  ली जरूरत समझकर,
क्या उनके ही सहारे ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे।।

तो क्या करे, हर किसी कि 
ज़िन्दगी गुजर रही है इसी कसमकश में,
कुछ ख्वाहिशें पूरी होती है जरुरत के नाम पर
और कुछ जरूरतें कर लेते है पूरी ख्वाइशों के नाम पर
हर दिन बीत जाता है , ख्वाहिशें पूरी करने की आस पर
और ज़िन्दगी बीत जाती है जरूरत के नाम पर।।

©Bawari ज़िन्दा तो हूं ,पर ज़िन्दगी कहीं खो सी गई है
चलती तो हूं,पर राहें कहीं थम सी गई है।।

हर रोज लड़ती हूं खुद से, चंद सांसों के लिए,
सुबह से शाम तक चलती हूं, खोई हुई राहों के लिए ।

मिल जाएं अगर राहें ,तो मंजिल तलाश लेंगे
सासों से रोज लड़कर , ज़िन्दगी संवार लेंगे ।

ज़िन्दा तो हूं ,पर ज़िन्दगी कहीं खो सी गई है चलती तो हूं,पर राहें कहीं थम सी गई है।। हर रोज लड़ती हूं खुद से, चंद सांसों के लिए, सुबह से शाम तक चलती हूं, खोई हुई राहों के लिए । मिल जाएं अगर राहें ,तो मंजिल तलाश लेंगे सासों से रोज लड़कर , ज़िन्दगी संवार लेंगे । #CloudyNight #poetryunplughed

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Bawari

एक मुद्दत के बाद सुलझाने बैठे थे उलझनों को
उलझनों का तो पता नहीं,
लेकिन ज़िन्दगी उलझ गई।।

©Bawari एक मुद्दत के बाद सुलझाने बैठे थे उलझनों को
उलझनों का तो पता नहीं,
लेकिन ज़िन्दगी उलझ गई।।


#freebird 
#afection 
#aferlongtime

एक मुद्दत के बाद सुलझाने बैठे थे उलझनों को उलझनों का तो पता नहीं, लेकिन ज़िन्दगी उलझ गई।। #freebird #afection #aferlongtime

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Bawari

में गिरने लगूं तो वो संभाले मुझे
मंजिल पाने के सफर में 
गर थक जाऊं में कभी 
तो अपनी बाहों में वो सुला ले मुझे
रुक जो मेरी सांसे तो 
सिर उसकी गोद में हो मेरा
बस यही एक आखिरी हसरत है मेरी उससे।।
मत पूछो की क्या चाहत है मेरी उससे।।।
#bawari.. #We_are_all_broken 
में गिरने लगूं तो वो संभाले मुझे
मंजिल पाने के सफर में 
गर थक जाऊं में कभी 
तो अपनी बाहों में वो सुला ले मुझे
रुक जो मेरी सांसे तो 
सिर उसकी गोद में हो मेरा
बस यही एक आखिरी हसरत है मेरी उससे।।

#We_are_all_broken में गिरने लगूं तो वो संभाले मुझे मंजिल पाने के सफर में गर थक जाऊं में कभी तो अपनी बाहों में वो सुला ले मुझे रुक जो मेरी सांसे तो सिर उसकी गोद में हो मेरा बस यही एक आखिरी हसरत है मेरी उससे।। #Bawari

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Bawari

क्या लिखूं???

कुछ दूर लिखूं 
कुछ पास लिखूं
कुछ अपनों का अहसास लिखूं
यादों के काले साए में 
मै इस दिल की फरियाद लिखूं में
क्या लिखूं में।।

वो पतझड़ के वीराने में,
गुमसुम बसंत की बहार लिखूं
सावन के काले बादल में
बहकाती शीत वयार लिखूं में
क्या लिखूं में।।

खिलते फूलों की खुशबू से 
बहके भवरों की चाल लिखूं
कांटों की हिफाजत में रहकर 
महके गुलाब का हाल लिखूं
क्या लिखूं में।।

इंतजार में कटती जो
में उन रातों की बात लिखूं
या आने कि तेरी आहत से
बड़ती दिल की रफ्तार लिखूं
क्या लिखूं में।।

लफ़्ज़ों की कातिल खामोशी में
छुपे दर्द का हाल लिखूं
अधरों पर खिलती मुस्कानों में
इस दिल का इजहार लिखूं में
क्या लिखूं में।।

कुछ लम्हे तेरे साथ लिखूं
कुछ बेगैरत जज्बात लिखूं
यूं बेगैरत जज्बातों में 
में कल का बीता हाल लिखूं
क्या लिखूं में।। क्या लिखूं???

कुछ दूर लिखूं 
कुछ पास लिखूं
कुछ अपनों का अहसास लिखूं
यादों के काले साए में 
मै इस दिल की फरियाद लिखूं में
क्या लिखूं में।।

क्या लिखूं??? कुछ दूर लिखूं कुछ पास लिखूं कुछ अपनों का अहसास लिखूं यादों के काले साए में मै इस दिल की फरियाद लिखूं में क्या लिखूं में।।

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Bawari

Good Morning quotes in Hindi दर्द हमे है तो तड़प  उसे भी होगी
इबादत हमने की थी तो आदत उसे भी होगी।।
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Bawari

मुस्कुराने की वजह पूछते हो 
कभी खामोशी की वजह पूछो ना 
फुरसत मिले खुद से तो
कभी दो पल साथ बैठो ना ।
मेरी खुशी में शामिल हो , मेरे साथ हसते हो
कभी मेरे गम में ,मेरे साथ, दो आंसू बहाओ ना
मुस्कुराने की वजह पूछते हो 
कभी खामोशी की वजह पूछो ना।।
जो कह ना पाई हूं तुमसे 
मेरी आंखों में पढ़ लो ना,
क्यों बार-बार बजह ढूंढते हो पास आने की वजह 
कभी बेवजह पास आ जाओ ना।
चल कर कुछ दूर यूहीं
मेरे इस अनजाने सफर को पूरा कर दो ना।।
मुस्कुराने की वजह पूछते हो 
कभी खामोशी की वजह पूछो ना।।

दूर होकर भी पास रहता है जो 
उस चांद से बन जाओ ना
सुबह जाकर शाम को फिर लौट आओ ना
मैं बनूं नदी तो तुम समन्दर बन जाओ ना
मुस्कुराने की वजह पूछते हो
 कभी खामोशी की वजह पूछो ना।।
#BAWARI........♥️ मुस्कुराने की वजह पूछते हो 
कभी खामोशी की वजह पूछो ना 
फुरसत मिले खुद से तो
कभी दो पल साथ बैठो ना ।
मेरी खुशी में शामिल हो , मेरे साथ हसते हो
कभी मेरे गम में ,मेरे साथ, दो आंसू बहाओ ना
मुस्कुराने की वजह पूछते हो 
कभी खामोशी की वजह पूछो ना।।

मुस्कुराने की वजह पूछते हो कभी खामोशी की वजह पूछो ना फुरसत मिले खुद से तो कभी दो पल साथ बैठो ना । मेरी खुशी में शामिल हो , मेरे साथ हसते हो कभी मेरे गम में ,मेरे साथ, दो आंसू बहाओ ना मुस्कुराने की वजह पूछते हो कभी खामोशी की वजह पूछो ना।। #poem #Bawari

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Bawari

तू चाह कर भी जिसे भुला ना सके
वो अहसास हूं में
तुझमें शामिल तेरा ही एक ख्वाब हूं  में
कोशिश ना कर मुझसे दूर जाने की
भूल ना सकेगा जिसे वही एक याद हूं में
‎तुझमें शामिल तेरा ही एक ख्वाब हूं  में।।

जायज नाजायज हर रिश्ते का पैग़ाम हूं 
मिले गर फुरसत तो पढ़ लेना  एक बार 
इतनी भी टेडी़ नहीं, समझ में आ  सकूं 
 हा बही ही एक किताब हूं में
जितनी सिद्दत से भागेगा दूर मुझसे
उतने ही करीब पाएगा मुझे 
क्युकी में कोई गैर नहीं 
तुझमें शामिल तेरा ही एक जज्बात हूं में।।
#BAWARI ♥️ तू चाह कर भी जिसे भुला ना सके
वो अहसास हूं में
तुझमें शामिल तेरा ही एक ख्वाब हूं  में
कोशिश ना कर मुझसे दूर जाने की
भूल ना सकेगा जिसे वही एक याद हूं में
‎तुझमें शामिल तेरा ही एक ख्वाब हूं  में।।

जायज नाजायज हर रिश्ते का पैग़ाम हूं

तू चाह कर भी जिसे भुला ना सके वो अहसास हूं में तुझमें शामिल तेरा ही एक ख्वाब हूं में कोशिश ना कर मुझसे दूर जाने की भूल ना सकेगा जिसे वही एक याद हूं में ‎तुझमें शामिल तेरा ही एक ख्वाब हूं में।। जायज नाजायज हर रिश्ते का पैग़ाम हूं #story #Bawari

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Bawari

चुप रहकर भी सारे राज खोलती है 
क्यों की आंखे भी बोलती है
खुशी में और गम में दोनों में रोती है 
क्या वजह है आंसूओं की 
उसके राज खोलती है
क्यों की आंखे भी बोलती है
गुस्सा ,प्यार,नफरत,
 सब जताती है
अकेले बैठो कभी तो
नजरें भी सताती है
दिल की किताब को सबके सामने खोलती है
क्यों की आंखे भी बोलती है।।
BAWARI♥️ #Life_Story चुप रहकर भी सारे राज खोलती है 
क्यों की आंखे भी बोलती है
खुशी में और गम में दोनों में रोती है 
क्या वजह है आंसूओं की 
उसके राज खोलती है
क्यों की आंखे भी बोलती है
गुस्सा ,प्यार,नफरत,
 सब जताती है

#Life_Story चुप रहकर भी सारे राज खोलती है क्यों की आंखे भी बोलती है खुशी में और गम में दोनों में रोती है क्या वजह है आंसूओं की उसके राज खोलती है क्यों की आंखे भी बोलती है गुस्सा ,प्यार,नफरत, सब जताती है #poem

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Bawari

रिश्ता तो नहीं है कोई तुमसे ,
फिर भी बहुत खास हो तुम 
दूर तो  बहुत हो,फिर भी आस पास हो तुम
क्यों की बहुत खास हो तुम।
राख के ढेर में छुपी हुई आग हो तुम
काटी ना जा सके अकेले दिसंबर की वो सर्द रात हो तुम
क्यों की बहुत खास हो तुम।।

ज़िन्दगी में जगह नहीं है तुम्हारी
फिर भी दिल में रहते हो
एक आवाज़  आती है अंदर से कि निकाल क्यों नहीं देते है तुम्हे
पर क्या करे ,सब से छुपा कर रखा है जिसे वो  राज हो तुम
क्यों की बहुत खास हो तुम।।

मिटा कर भी जो मिट ना सके मेरे खयालों का वो अंजाम हो तुम
बरसो गुजार दिए जिसे भुलाने में
पर भूल ना सके जिसे वही याद हो तुम
शायद इसी लिए खास हो तुम।।

हवाओं में घुलती हुई खुशबू,समन्दर में आया लहरों का सैलाब हो तुम
मेरे लिए भेजा हुआ
खुदा का एक पैग़ाम हो तुम 
इसीलिए बहुत खास हो तुम
दूर होकर भी आस पास हो तुम
क्यों की बहुत खास हो तुम।। रिश्ता तो नहीं है कोई तुमसे ,
फिर भी बहुत खास हो तुम 
दूर तो  बहुत हो,फिर भी आस पास हो तुम
क्यों की बहुत खास हो तुम।
राख के ढेर में छुपी हुई आग हो तुम
काटी ना जा सके अकेले दिसंबर की वो सर्द रात हो तुम
क्यों की बहुत खास हो तुम।।

रिश्ता तो नहीं है कोई तुमसे , फिर भी बहुत खास हो तुम दूर तो बहुत हो,फिर भी आस पास हो तुम क्यों की बहुत खास हो तुम। राख के ढेर में छुपी हुई आग हो तुम काटी ना जा सके अकेले दिसंबर की वो सर्द रात हो तुम क्यों की बहुत खास हो तुम।। #story

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Bawari

दिल और दिमाग की जंग से निकालना है मुझे
और आज फिर खुद से मिलना है मुझे
ना उड़ना है मुझे
ना बहना है मुझे
और अब नहीं कुछ कहना है मुझे 
अपने खुले आसमां में सुकून से रहना है मुझे
आज फिर खुद से ही मिलना है मुझे

ना प्यार ,ना मोहब्बत ,ना चाहत चाहिए
दोस्ती में ही खुश हूं में 
क्योंकि मुझे बस थोड़ी सी राहत चाहिए
ज़िन्दगी कुछ और बची है 
इसमें suffer से safar तक जाना है मुझे
आज फिर खुद से ही मिलना है मुझे।

उम्मीद की जंजीरों ने जकड़ रखा है
पर ख्वाइशें उड़ना चाहती है
क्या सही ,क्या ग़लत इन सब से निकालना चाहती है
कुछ अधूरा सा छूटा है जो पीछे 
बस उसी को पूरा करना है मुझे 
बस आज खुद से ही मिलना है मुझे

ना जाने कौन सी शाम मौत का पैग़ाम ले आकर  
आ जाए 
उससे पहले उन अधूरी ख्वाइशों को पूरा करना है मुझे 
बस आज खु़द से ही मिलना है मुझे।
दिल और दिमाग की इस जंग से निकालना है मुझे 
आज फिर खुद से ही मिलना है मुझे।। दिल और दिमाग की जंग से निकालना है मुझे
और आज फिर खुद से मिलना है मुझे
ना उड़ना है मुझे
ना बहना है मुझे
और अब नहीं कुछ कहना है मुझे 
अपने खुले आसमां में सुकून से रहना है मुझे
आज फिर खुद से ही मिलना है मुझे

दिल और दिमाग की जंग से निकालना है मुझे और आज फिर खुद से मिलना है मुझे ना उड़ना है मुझे ना बहना है मुझे और अब नहीं कुछ कहना है मुझे अपने खुले आसमां में सुकून से रहना है मुझे आज फिर खुद से ही मिलना है मुझे #poem

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