लिखता हूं पढ़ता हूं अवाम लेखक कहती है, जीविका के लिए नौकरी करता हूं।
38Stories
185Followers
119Love
0Views
Popular
Latest
Video
Sonu Mishra
क्या कहती हो ठहरो नारी!
संकल्प-अश्रु जल से अपने,
तुम दान कर चुकी पहले ही जीवन के सोने-से सपने.
नारी! तुम केवल श्रद्धा हो विश्वास-रजत-नग पगतल में,
पीयूष-स्रोत बहा करो जीवन के सुंदर समतल मे.
#Poetry
Sonu Mishra
अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो
प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो - बढ़े चलो
सपूत मातृभूमि के
रुको ना सूर साहसी
प्रवीर हो जयी बनो, बढ़े चलो - बढ़े चलो #Quotes
Sonu Mishra
सास ही शास्वत
प्राण ही गुंजन
मुझमे उतरे आदियोगी
( तस्वीर धुंधली है चूंकि पम्मी उड़ रही है ) #Quotes
Sonu Mishra
ताल को ताल की झंकृति तो मिले
रूप को भाव की अनुकृति तो मिले
मैं भी सपनों में आने लगूं आपके
मुझे आपकी स्वीकृति तो मिले..
ये बालिका मेरी क्रश है. #Poetry
Sonu Mishra
25 - 12 - 2017 क्रिसमस का दिन, मेरे लिए सबसे बुरा दिन. जिसको मैं ज़िंदगी मे कभी नही भूल सकता. इस गिरने के वजह से मेरे हँसुली के हड्डी पे खून जम गया था सूज गया था. इस कारण मैं 17 दिन बिस्तर पे रहा. हालांकि अपने प्रवास गृह से थोड़ा आना जाना होता था. लेकिन ना ही लोकल चौराहा ना ही इंटरनेशनल चौराहा.
इस 17 दिन के बुरे दौर में कई लोगो ने आशीर्वाद बरसाया.
85 वर्षीय बुजुर्ग महिला ( नानी जी ) ने आशीर्वाद बरसाया.
16 वर्षीय मौसी जी की बेटी ने ईश्वर से दुआ की मैं जल्दी ठीक हो जाऊं.
#Quotes
Sonu Mishra
मैं नौकरी करने वाला नौकर नही. मैं पढ़ने वाला छात्र भी हूं, कुछ वर्षों में सोनू मिश्रा के जगह डॉक्टर सोनू मिश्रा भी लग सकती है. इसी उम्मीद से मेहनत जारी है. #Quotes
इश्क़ में तेरे हाल हुआ बद से बद्ततर मेरा है।
हम कुछ यूँ बदनाम हुए हैं, चर्चा घर-घर मेरा है।।
वो जो एक कबूतर तुझ तक हर शाम को आता है।
उससे बात किया कर वो, नामा-बर मेरा है।।
मेरे घर की ओर तूने, एक पत्थर फेंका था।
तुझे बता दूँ यार मेरे, अब वो पत्थर मेरा है।। #Poetry
Sonu Mishra
आज इतवार है, वो इतवार जो 1843 में शुरू हुआ था. आज मेरा मन भी थोड़ा इतवारी हो रहा है. मन की भावनाएं कविता के लपटों में लिपट रही है. थोड़ा हिंदी थोड़ा उर्दू बनने का मन किया जा रहा है. महसूस ऐसा हो रहा है कि मैं उर्दू के समुंद्र में छलांग लगा लू. कुरान के हर उन पन्नो को पढ़ लू जिसमे शांति का पैगाम उकेरी गई हो. हमारे कुल के बेटे विद्यापति मिश्र ( बाबा नागार्जुन ) की तरह ब्राह्मणत्व के टैग से छुटकारा पा लू.
अपना लू नागार्जुन की तरह बौद्ध धर्म.
चूंकि रहनुमाओ ने काफी हुड़दंग मचा रखा है ब्राह्मण का हाथ स #Quotes