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ankitrai5051
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Ankit Rai

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Ankit Rai

तुम ही सृष्टि के संहारक तुम ही सबके आने का कारक तुमसे चलता सारा ब्रह्मण्ड तुम्हे न जाने कोई विद्वान प्रकांड

©Ankit Rai
  #chaandsifarish. # poem # short

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Ankit Rai

#Beautiful #Nature
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Ankit Rai

हम ही हम हैं तो क्या हम हैं?
तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो?
तुम ही गुम हो निगाहों में
जो तुम ना हो तो क्या गम हो?
जो गुम है हम निगाहों में
तो तुम ही बताओ क्या कम हो?
जो देखू तेरी आंखों में 
मुझे दिखता कोई गम हो 
आके सिमट जा तू बाँहों में 
जो तुम हो पास तो क्या गम हो?

©Ankit Rai
  #Raat #new #poeatry #Shayar
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Ankit Rai

beautiful nature #Nature#NatureLove
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Ankit Rai

पापा अपने बेटे से: काम के ना काज की दुश्मन तुम अनाज के सब के सब है मेरे साथ एक तुम ही हो दुश्मन आज के

©Ankit Rai #BehtaLamha #tumhe ho dushman aaj ke #hindi poem #hindi shayari

#BehtaLamha #Tumhe ho dushman aaj ke #Hindi poem #Hindi shayari #कविता

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Ankit Rai

वो सहनशीलता की मूरत मासूम सी सूरत
हर दुख दर्द को लेती अपने मे समा
कभी बच्चों पर आये तो काली बन जाये वो
ऐसी होती है हमारी माँ

©Ankit Rai
  #Navraatra # aisi hoti hai hamari maa # Hindi poem

Navraatra # aisi hoti hai hamari maa # Hindi poem

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Ankit Rai

अंत ये अनंत है ये अंत की शुरुवात है जन्म जो तू ले रहा तो अंत
तेरे साथ है, कर्म जो तू कर रहा हर एक पल हे आत्मा तुच्छ जो तू
सोचता है लेखा उसके हाथ है, कह रहा वो बार-बार की कर्म कर
अच्छे -भले,कर्म करेगा जैसा भी तू फल भी वैसा पायेगा,कर्म
जो तू कर रहा तो रुक के सोच ले जरा,कर गया अधर्म जो तू बहुत
ही पछतायेगा, कर्म बस तू करता जा न सोच कौन है सामने ,जो तूने
जन्म ले लिया ये कर्म की शुरुवात है

©Ankit Rai
  #TiTLi #janm he karm ki shuruaat hai#hindi poem# new poem

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Ankit Rai

आत्मा अनंत
 है न अंत इसका है कोई, मोक्ष यदि मिल गया यही तो
अंतिम छोर है, ढूंढता मैं फिर रहा परमात्मा को संसार भर, कण
- कण विराजता परमात्मा चारो ओर है, राज है अधर्म पर ये धर्म
भी महान है, लेखा तेरा लिख रहा वो सर्व शक्तिमान है ज्ञाता वो
ब्रम्हाण्डो का इसका न तुझको भान है कर्म जो तू कर रहा है सबका
उसको ज्ञान है

©Ankit Rai
  #ChaltiHawaa #sabka usko Gyan hai#hindi poems#new poem

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Ankit Rai

दुख के बादल छटेंगे कब और कब खुशियाँ  आएंगी ,जो सपने ले के आये थे क्या पूरे हो पाएंगे  अब आँखों मे है नींद कहाँ बस सपने भरे हुए हैं ,कब आती है नींद हमे बस सपने सोच सोते हैं   बम बम बम बम बम्बई, बम्बई हमको जम गई सारी दिक्कत सारी परेशानी हमको देख के थम गयी

©Ankit Rai
  #WoSadak #new poem part 2
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Ankit Rai

बम बम बम बम बम्बई, बम्बई हमको जम गयी, सारी दिक्कत सारी परेशानी हमको देख के थम गयी   ले के आये थे हम सपने अपने इस शहर मे ,बंगला होगा गाड़ी होगी इस महानगर मे,  सपनो का शहर कहते हैं इसको  ,चारो तरफ हैं सपने, ढूढेंगे तो मिल जायेंगे कोई न कोई अपने,  लाखो सपने हैं यहाँ पर पूरे कुछ होते हैं  , दिखाते है हम  खुशियाँ सभी को पर अंदर से दिल रोते  है

©Ankit Rai
  #nightsky #new poem
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