Nojoto: Largest Storytelling Platform
unknownhistorica8387
  • 198Stories
  • 31Followers
  • 1.5KLove
    1.5KViews

shashwat ayush

#अदना_सा_क़लमकार

  • Popular
  • Latest
  • Video
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

सब अपने जगह पर सही हैं
हमनें इसका माप किया हैं
खुदको और उनको भी यहां
पर हमने तो माफ किया है

उनका अनुभव था जैसा भी
वैसे ही गया समझा हमको
इस मूल तत्व को जानने में
लग गया एक असरा हमको।

धमनियों में अब अपने क्रोध
से रहित रक्त करना हैं अब

पीड़ाओं के अविरल पथ पर
कुंठा  ध्वस्त करना हैं अब

औरों से न कुछ भी शिकायत
खुद को शसक्त करना हैं अब

-शाश्वत_आयुष

©shashwat ayush #lonely
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

#Naari
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

प्रीत का पर कुतरना न आये हमें
हर युग में हम इसके समर्थक रहें।

प्रेम के पथ पर हम पराजित हुए
पर इससे अपनी कोई अनबन नहीं
हम मधुकोश जग को लुटाते रहे
पर सपने में भी अपने मधुबन नहीं

हारे हैं समर हम प्रणय प्रीत के
फ़िर भी हम इसके प्रवर्तक रहें

प्रीत का पर कुतरना न आये हमें
हम युग में हम इसके समर्थक रहें।

प्रेम ईश्वरी चेतना का उद्गम हैं,
वासना से इसका हैं कोई मेल नही
जीवन व मृत्यु के बीच का ये अनुबंध
इसे समझें कोई भी खेल नहीं

वासना को यहाँ जिसने प्रेम कहाँ
वो प्रेम के अनुयायी निर्रथक रग3
हर गए हैं समर हम प्रणय प्रित के
फिर भी हम हैं,इसके प्रवर्तक रहें

-शाश्वत_आयुष

©shashwat ayush #Travel
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

शर्त की बुनियाद पर रिश्ते अगर कोई टिके तो

फिर वैसे रिश्तो का तो खत्म होना बेहतर है

एक तरफ़ा रिश्ता हमें निभाना पड़े
उससे अच्छा उनसे रिश्ता ना रहे
 रिश्ते मनुजता मूल्यों का अध्याय हो
स्वार्थ सिद्धि का न तो ये बस पर्याय हो

निज हित हेतु रिश्तो की मर्यादा तार कर जाते
उन कुत्सित-कलंकीयो को देख मौन ये अधर हैं

शर्त की बुनियाद पर रिश्ते अगर कोई टिके तो

फिर वैसे रिश्तो का तो खत्म होना बेहतर है।


पर कुछ होते ऐसे हैं जो
बाहर से आपके बनते
पर भीतर भीतर से तो वे
प्रतिपल हैं आपके छलते

आपको अपयश देने को हद से  वो गुजर जाते
वो निर्वीय सच मे होते स्वान से भी बद्तर हैं

फिर वैसे रिश्तो का तो खत्म होना बेहतर है।

©shashwat ayush #Hindidiwas
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

#traveltips
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

कर्मों से ही फल पाते हम हैं
यही यहाँ बस नियति हैं।

कर्म परायणता से पदच्युत 
होने पर दुर्गति हैं।

प्रांजल लोकतंत्र के अर्थों का
आलम यहाँ पर ये हैं।

सता दुःशासन बनी हुई हैं 
और लोकतंत्र द्रौपदी हैं।

-शाश्वत आयुष

©shashwat ayush त
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

कैसे उसके बिना जिया है
कभी हँस कभी रो लिया है

उसकी यादों का गवाह तो,
अब तक भी मेरा तकिया हैं

उसको पाने की जिद्द में अब
 मैंने खुद को यहाँ खो दिया हैं

अब तो बज्म से हम हैं रुक्सत
एकाकी ही अब आशियां हैं

रक़ीब से उसकी गुफ़्तगू को
मैंने चुपके से सुन लिया है

उनके हिस्से में मुस्कान हैं।
मेरे  हिस्से में सिसकियां हैं

जब से हुई दूर वो हमसे
सबसे उसकी नजदीकियां हैं

उसे देखकर अब लगता हैं
बड़ी बेहराम ये दुनिया हैं

-शाश्वत_आयुष

©shashwat ayush
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

#AsaliAazadi
3ae83a81e546cc28a477c9b426593cc7

shashwat ayush

#AsaliAazadi
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile