"चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे 'इश्क' का जादू, सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो"
"चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे 'इश्क' का जादू, सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो"
Mkotia
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है,कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम,जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम.
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है,कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम,जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम.
Mkotia
इश्क इबादत पूजा क्या नाम दू उसको
देश दुनिया तख्तो ताज क्या इनाम दू उसको
कहने को बो साथ है मेरे साया बनकर
मोहब्बत के सिवा क्या शाम दू उसको
इश्क इबादत पूजा क्या नाम दू उसको
देश दुनिया तख्तो ताज क्या इनाम दू उसको
कहने को बो साथ है मेरे साया बनकर
मोहब्बत के सिवा क्या शाम दू उसको
Mkotia
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है.
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है.
Mkotia
‘Aapne Hi Shehar K Log Satane Lage,
‘Yar Apni Mahfil Se Uth K Jane Lage,
‘Jab B izhar E Jazbat Chaha Main Ne,
‘Log Apna Apna Dard Sunane Lage,
‘Hamare Naam Se Chalti Thi Jinki Sansein Kbhi,
‘Aaj Wohi Hum Se Nazren Churane Lage,
‘Kya Khabar Thi K Ik Pal Mein Bichar Jaye Ga Wo,
‘Jise Apna Bnane Mein Zamane Lage,
‘Aapne Hi Shehar K Log Satane Lage,
‘Yar Apni Mahfil Se Uth K Jane Lage,
‘Jab B izhar E Jazbat Chaha Main Ne,
‘Log Apna Apna Dard Sunane Lage,
‘Hamare Naam Se Chalti Thi Jinki Sansein Kbhi,
‘Aaj Wohi Hum Se Nazren Churane Lage,
‘Kya Khabar Thi K Ik Pal Mein Bichar Jaye Ga Wo,
‘Jise Apna Bnane Mein Zamane Lage,
Mkotia
wo kon tha jo mujhy aisy mila k koi gham na raha ,
Jo dour reh kr b mujsy dour na raha,
Jany kab sy hamy uski talash thi.
Jb btana chaha usy tou koi lafz na raha,
Usy dakhny ki chah me nighahen tarsi hy meri
Or jb nigha mili tou waqt hi na raha ,
Lamha lamha uski yado me hi guzar jata hy.
….SAGAR…..
wo kon tha jo mujhy aisy mila k koi gham na raha ,
Jo dour reh kr b mujsy dour na raha,
Jany kab sy hamy uski talash thi.
Jb btana chaha usy tou koi lafz na raha,
Usy dakhny ki chah me nighahen tarsi hy meri
Or jb nigha mili tou waqt hi na raha ,
Lamha lamha uski yado me hi guzar jata hy.
….SAGAR…..