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aanchalmishra9182
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aanchal mishra

writer✍🏻 instagram - littlehappiness2425

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aanchal mishra

White श्री रघुनाथ जी की प्यारी बहन की कथा

part 2 

उसकी मौसी ने अपने लड़के को कुछ सामान और ११ रुपये दिए और मंडप में पहुंचने को कहकर वह चली गयी ।उसका मौसेरा भाई उपहार, वस्त्र और ११ रुपये लेकर रिक्शा पर बांध कर विवाह मंडप की ओर निकल पड़ा । रास्ते मे ही रिक्शा उलट गया और वह गिर गया । थोड़ी सी चोट आयी और लोगो ने उसको दवाखाने ले जाकर मलम पट्टी कराई । यहां सरस्वती जी घूंघट से बार बार मंडप के दरवाजे पर देख रही है और सोच रही है कि सरकार अभी तक क्यो नही आये । उसको पूरा विश्वास है कि चारो भाई आएंगे। माँ से भी कह दिया कि ध्यान रखना अयोध्या जी से मेरे भाई आएंगे – माँ ने उसको भोला समझकर हस दिया ।

जब बहुत देर हो गयी तब व्याकुल होकर वह दरवाजे पर जाकर रोने लगी ।  दूर दूर के रिश्तेदार आ गए पर मेरे अपने भाई क्यो नही आये? क्या मैं उनकी बहन नही हूं ? उसी समय ४ बड़ी मोटर गाड़िया और एक बड़ा ट्रक आते हुए उसने देखा । पहली गाड़ी से उसकी मौसी का लड़का और उसकी पत्नी उतरे । बाकी गाडीयो से और ३ जोड़िया उतरी । मौसी के लड़के के रूप में सरकार ही आये है । रत्न जटित पगड़ियां , वस्त्र , हीरो के हार पहन रखे है । श्री हनुमान जी पीछे ट्रक में समान भरकर लाये है , हनुमान जी पहलवान के रूप में आये थे । उन्होंने ट्रक से सारा सामान उतारना शुरू किया – स्वर्ण, चांदी, पीतल, तांबे के बहुत से बर्तन ।

बिस्तर, सोफे, ओढ़ने बिछाने के वस्त्र, साड़ियां , अल्मारियाँ, कान, नाक, गले ,कमर, हाथ ,पैर के आभूषण । मौसी देखकर आश्चर्य में पड़ गयी कि इतना कीमती सामान मेरा लड़का कहां से लेकर आया ? चारो का तेज और सुंदरता देखकर सरस्वती समझ गयी कि यह मेरे चारो भाई है । सरस्वती जी के आनंद का ठिकाना न रहा, उसका रोना बंद हो गया । सरकार ने इशारे से कहा कि किसीको अभी भेद बताना नही, गुप्त ही रखना। इनका रूप इतना मनोहर था कि सब उन्हें देखते ही राह गए, कोई पूछ न पाया कि यह गाड़ियां कैसे आयी, ये अन्य ३ लोग कौन है ?

लोग हैरान हो कर देख रहे थे कि अभी तक रो रही थी, और अभी इतना हँस रही है और आनंद में नाच रही है। किसी को कुछ समझ नही आ रहा था। जब तक उसकी विदाई नही हुई तब तक चारो भाई उसके साथ ही रहे। सभी गले मिले और आशीर्वाद दिया । सरस्वती ने कहा – जैसे आज शादी में सब संभाल लिया वैसे जीवन भर मुझे संभालना। जब वह गाड़ी में बैठकर पति के साथ जाने लगी तब चारों भाई अन्तर्धान हो गए । उसी समय असली मौसेरा भाई किसी तरह लंगड़ाते हुए पट्टी लगाए हुए वहां आया । उसने वस्त्र ओढाया उपहार और ११ रुपये दिया ।

मौसी ने पूछा कि अभी अभी तो तू बड़े कीमती वस्त्र पहने गाड़ि और ट्रक लेकर आया था ? ये पट्टी कैसे बंध गयी और कपड़े कैसे फट गए ? उसको तो कुछ समझ ही नही आ रहा था । अंत मे सरस्वती से उसकी माता ने एकांत मे पूछा की बेटी सच सच बता की क्या बात है ? ये चारों कौन थे ? तब उसने कहा की माँ ! मैने आपसे कहा था कि ध्यान रखना ,मेरे भाई अयोध्या से आएंगे । माँ समझ गयी की इसके तो ४ ही भाई है और वो श्रीरघुनाथ जी और अन्य तीन भैया ही है । माँ जान गई कि श्री अयोध्या नाथ सरकार ही अपनी बहन के प्रेम में बंध कर आये थे और अपनी बहन को इतने उपहार , आभूषण और वस्तुएं दे गए कि नगर के बड़े बड़े सेठ, नवाबो के पास भी नही थे ।

©aanchal mishra #Sad_Status  Hinduism
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aanchal mishra

White श्री रघुनाथ जी की प्यारी बहन की कथा

part 1

अयोध्या के बहुत निकट ही पौराणिक नदी कुटिला है – जिसे आज टेढ़ी कहते है, उसके तट के निकट ही एक भक्त परिवार रहता था । उनके घर एक सरस्वती नाम की बालिका थी । वे लोग नित्य श्री कनक बिहारिणी बिहारी जी का दर्शन करने अयोध्या आते थे । सरस्वती जी का कोई सगा भाई नही था , केवल एक मौसेरा भाई ही था । वह जब भी श्री रधुनाथ जी का दर्शन करने आती, उसमे मन मे यही भाव आता की सरकार मेरे अपने भाई ही है ।

उसकी आयु उस समय मात्र दो वर्ष की थी । रक्षाबंधन से कुछ समय पूर्व उसने सरकार से कहा की मै आपको राखी बांधने आऊंगी । उसने सुंदर राखी बनाई और रक्षाबंधन पूर्णिमा पर मंदिर लेकर गयी । पुजारी जी से कहा कि हमने भैया के लिए राखी लायी है । पुजारी जी ने छोटी सी सरस्वती को गोद मे उठा लिया और उससे कहा कि मै तुम्हे राखी सहित सरकार को स्पर्श कर देता हूं और राखी मै बांध दूंगा। पुजारी जी ने राखी बांध दी और उसको प्रसाद दिया । अब हर वर्ष राखी बांधने का उसका नियम बन गया ।

समय के साथ वह बड़ी हो गयी और उसका विवाह निश्चित हो गया । वह पत्रिका लेकर मंदिर में आयी और कहा की मेरा विवाह निश्चित हो गया है, मै आपको न्योता देने आए हूं । चारो भाइयो को विवाह में आना ही है । पुजारी जी को पत्रिका देकर कहा कि मैन चारो भाइयों से कह दिया है , आप पत्रिका सरकार के पास रख दो और आप भी कह दो की चारो भाइयों को विवाह में आना ही है । ऐसा कहकर वह अपने घर चली गयी । विवाह का दिन आया । अवध में एक रस्म होती है कि विवाह के बाद भाई आकर उसको चादर ओढ़ाता है और कुछ भेट वस्तुएं देता है ।

©aanchal mishra #good_night   Hinduism #story #storyteller #motivation #quotes
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aanchal mishra

हम ने कब चाहा कि वो शख़्स हमारा हो जाए,
इतना दिख जाए कि आँखों का गुज़ारा हो जाए,

हम जिसे पास बिठा लें वो बिछड़ जाता है,
तुम जिसे हाथ लगा दो वो तुम्हारा हो जाए,

तुम को लगता है कि तुम जीत गए हो मुझ से,
है यही बात तो फिर खेल दोबारा हो जाए,

है मोहब्बत भी अजब तर्ज़-ए-तिजारत कि यहाँ,
हर दुकाँ-दार ये चाहे कि ख़सारा हो जाए..

©aanchal mishra #lovequotes #Love #Quote
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aanchal mishra

साल के तीन सौ पैंसठ दिन में एक भी रात नहीं है उसकी,
वो मुझे छोड़ दे और ख़ुश भी रहे इतनी औक़ात नहीं है उसकी..🍁

©aanchal mishra #Valley
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aanchal mishra

ज़माना हमें बे-सहारा न समझे,
ख़ुदा पर भरोसा गवारा न समझे,

उसे कब मिला है जिसे भीड़ घेरे,
उसे रब दिखा जो इजारा न समझे,

किसी को मोहब्बत नहीं है वफ़ा से,
मिरे हिज्र को तू गुज़ारा न समझे,

जिसे मान कर ज़िंदगी जी रहे थे,
वही मौत का था इशारा न समझे,

बिछड़ना ज़रूरी नहीं था मगर तू,
मोहब्बत नहीं है असारा न समझे,

रहा है मुझे याद वो ज़िन्दगी भर,
नफ़ा थी मोहब्बत ख़सारा न समझे..

©aanchal mishra #DarkWinters
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aanchal mishra

दिल है क्यों बेक़रार समझा कर,
बात इतनी तो यार समझा कर,

बैठ जा आ के मेरे पहलू में,
मेरे दिल की पुकार समझा कर,

प्यार तो ख़ुद-ब-ख़ुद ही होता है,
कौन करता है प्यार समझा कर,

दूसरा दूर तक नहीं कोई,
मैं हूँ तुझ पर निसार समझा कर,

तू समझ ले मैं बोलती कम हूँ,
एक बोलूँ हज़ार समझा कर,

अब मेरे दिल की धड़कनों पे फ़क़त,
है तेरा इख़्तियार समझा कर,

फूल उसको समझ तू ऐ पागल,
और दुनिया को ख़ार समझा कर..

©aanchal mishra #Light
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aanchal mishra

कोई सवाल न करना फ़क़त समझ लेना
समझ सको जो सही से ये ख़त समझ लेना,

जो गिर पड़े हैं कहीं जान ख़त के आखिर में,
उन आँसुओं को मेरा दस्तख़त समझ लेना,

कहीं जगह न मिले मेरे दिल में आ जाना,
तू मेरी छत को भी अपनी ही छत समझ लेना,

मैं अबकी बार भी तुमसे सही कहूँगा सब,
तुम अब की बार भी मुझको ग़लत समझ लेना,

बग़ैर लौ के दिया भी दिया नहीं रहता,
सो वक़्त रहते मेरी अहमियत समझ लेना,

तुझे मैं शेर सुनाता हूँ जो मुहब्बत के
तू मेरी दोस्त इसे, इश्क़ मत समझ लेना।

©aanchal mishra तुझे मैं शेर सुनाता हूँ जो मुहब्बत के,
तू मेरी दोस्त इसे, इश्क़ मत समझ लेना...
#Poetry  #ishq #mohabbat

तुझे मैं शेर सुनाता हूँ जो मुहब्बत के, तू मेरी दोस्त इसे, इश्क़ मत समझ लेना... Poetry #ishq #mohabbat

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aanchal mishra

उसे तुम से मोहब्बत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना,
ये बस दिल की शरारत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना,

तुम्ही को देख कर वो मुस्कुराता है तो हैरत क्या,
उसे हँसने की आदत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना,

हुए बर्बाद तो अब आह-ओ-ज़ारी कर रहे हो तुम,
कहा भी था सियासत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना,

मैं तुझ को चाहता हूँ बात ये सच है मगर फिर भी,
मुझे तेरी ज़रूरत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना ही,

झुकी नज़रों से तकना और ख़मोशी से गुज़र जाना,
मोहब्बत की रिवायत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना,

किया करता हूँ मै उस की तारीफ़ें सबब ये है,
वो मुझ से ख़ूबसूरत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना..

©aanchal mishra #Rose
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aanchal mishra

ये लगभग ग़ैर-मुमकिन है ख़ुदाया पर निकल जाए,
चरागों के दिमाग़ों से हवा का डर निकल जाए,

इसी डर से सफ़र भर में कहीं आँखें नहीं झपकी,
कहीं ऐसा न हो ग़लती से तेरा घर निकल जाए,

तरीक़ा एक ही है बस सुकूँ पाने का दुनिया में,
यहाँ से दिल निकल जाए यहाँ से सर निकल जाए..

©aanchal mishra #snowfall
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aanchal mishra

मिरी आरज़ू का हासिल तिरे लब की मुस्कुराहट,

हैं क़ुबूल मुझ को सब ग़म तिरी इक ख़ुशी के बदले..

©aanchal mishra #Starss
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