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swatantrayadav3735
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Swatantra Yadav

महादेव सर्वोपरि महादेव श्रेष्ठ 🙏

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Swatantra Yadav

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Swatantra Yadav

जेल में डाल दो,चाहे तो बाल काटने पर गोलियां मार दो
मरने पर भी मेरी रूह यही कहे,बस ये हिजाब उतार दो

बेशर्मी कपड़ों से नहीं होती, होती तो तवायफें भी हैं हिजाब में
में क्या हूं कौन हूं मेरी पहचान को हिजाब नहीं स्वतन्त्र आधार दो तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना,
सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा

13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर उनका शव परिवार को मिला। तब से 50 से ज्यादा शहरों में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हर शहर में महिलाएं मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं, न बाल ढकने को तैयार हैं और न ढीले ड्रेस पहनने का फरमान मानने को तैयार हैं।

ईरान में हिजाब विरोधी

तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना, सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर उनका शव परिवार को मिला। तब से 50 से ज्यादा शहरों में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हर शहर में महिलाएं मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं, न बाल ढकने को तैयार हैं और न ढीले ड्रेस पहनने का फरमान मानने को तैयार हैं। ईरान में हिजाब विरोधी

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Swatantra Yadav

नियंत्रण रेखा पार कर गया है तुझे तेरा यूं महंगें रिसार्ट शिफ्ट करना 
क्यों ना अब द्विपक्षीय वार्ता कर ,गोलमेज सम्मेलन करा लें 
बस एक तुम समर्थन कर दो मेरे दावेदारी का
आओ ख़रीद फरोख्त कर मिलीजुली सरकार बना लें। 
कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से  बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे....
उन कीड़े मकोड़ों को खाने के लिए कई पक्षी झपट रहे थे।
 इससे बार बार किसान की एकाग्रता भंग हो रही थी। उसमें बैलों को हांकने के लिए अपने हाथ मे पकड़ा सांटा ( हंटर ) जिसमें चमड़े की तनिया बंधी होती हैं अपने पीछे को घुमा दिया। उससे एक नीलकंठ मर गया।
 किसान को बड़ा अफसोस हुआ । उसे याद आया कि किसी ने कहा था कि दशहरे के दिन अगर नीलकंठ दिख जाय तो बड़ा शुभ होता है और आज इत्तफाक से दशहरा ही है।

कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे.... उन कीड़े मकोड़ों को खाने के लिए कई पक्षी झपट रहे थे। इससे बार बार किसान की एकाग्रता भंग हो रही थी। उसमें बैलों को हांकने के लिए अपने हाथ मे पकड़ा सांटा ( हंटर ) जिसमें चमड़े की तनिया बंधी होती हैं अपने पीछे को घुमा दिया। उससे एक नीलकंठ मर गया। किसान को बड़ा अफसोस हुआ । उसे याद आया कि किसी ने कहा था कि दशहरे के दिन अगर नीलकंठ दिख जाय तो बड़ा शुभ होता है और आज इत्तफाक से दशहरा ही है।

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Swatantra Yadav

इस बार तेरे इश्क़ की
बेखुदी छा रही है
मैं महका कुछ ऐसे आज
जैसे बारिश बस मेरे लिए
....आ रही है
थी कोशिश मैं लिखूँ 
बस बारिश पर
पर हर बूंद जाने क्यों तेरी
 ही याद बरसा रही है!! कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तू यूं ही पागल मत समझ
दिल पर असर होने वाली मुलाकात का है।
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर।
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ।

कुछ नशा तेरी बात का है कुछ नशा धीमी बरसात का है, हमे तू यूं ही पागल मत समझ दिल पर असर होने वाली मुलाकात का है। ख़ुद को इतना भी न बचाया कर, बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर। मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ, मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ।

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Swatantra Yadav

तस्वीरों  में तो  हर कोई  मुस्कुराता है,
स्वतंत्र तो हंसता है हकीक़त में हरदम।

आपकी मोहब्बतों ने  कर दिया मगर,
मेरी इन मुस्कुराती आंखों को भी नम।

मिला दोस्तों का ऐसा कारवां मुझको,
जो बांट  लेते हैं मेरे, खुशी और गम। सुशील कुमारी "सांँझ" 
miss Happiness🌺🌺
सुमित ओझा
सुचि (सनाज़) 
@Neha
Rupali Lakhani 
Reena yadav 
Vijay Laxmi rajput

सुशील कुमारी "सांँझ" miss Happiness🌺🌺 सुमित ओझा सुचि (सनाज़) @Neha Rupali Lakhani Reena yadav Vijay Laxmi rajput

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Swatantra Yadav

कभी गालों पर तो कभी आंखों पर
अब मैं होश सम्हालूं या
 उसकी जुल्फ़ें वो चाहती है हर फैसला बस उस के ही हक़ में हो!
मसकिनों पे दबाव रहे,गुस्ताख़ की कोई सरहद ना हो!!
मेरे उसूल मेरे वजूद को मैं नकार दूं उसकी सुनूं बस!
हदें समेट लूं मैं हदों में,उसके दायरों की कोई हद ना हो!!

वो चाहती है हर फैसला बस उस के ही हक़ में हो! मसकिनों पे दबाव रहे,गुस्ताख़ की कोई सरहद ना हो!! मेरे उसूल मेरे वजूद को मैं नकार दूं उसकी सुनूं बस! हदें समेट लूं मैं हदों में,उसके दायरों की कोई हद ना हो!!

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