क्या कहें जीवन जासूसों का
जिन्हें ढूंढते हैं, उनसे ही छिपते हैं।
वो कहने को तो साथ हैं,
पर मूड के देखो तो,
कभी नहीं दिखते हैं।
क्या कहें इन जासूसों का,
हमारे हो कर,
हमारे ही पीठ पीछे, #yqbaba#yqdidi#yqhindi#yqquotes
ना जाने कितनी बेड़ियों से गुजर के
तू नारी कहलाती है,
नानी, दादी, माँ, दोस्त, बहन, बन कर
हर रिश्ते बाखूब निभाती है।
गर आए आँच दामन पर,
तू माँ काली बन जाती है।
वाह रे! कोमल स्त्री,
तू कितने रूप दिखाती है।