याद रहेगा एक दौर हमको
क्या खूब तरसे हे एक शख्स के लिए
श्री कन्हैया शास्त्री जी
जब कांच उठाने पड़ जाए
तुम हाथ हमारे ले जाना...
जब कोई न हो साथ तुम्हारे
तुम साथ हमे अपने ले जाना
जब देखो के तुम तन्हा हो
और रास्ते है दुशवार बहुत
श्री कन्हैया शास्त्री जी
आवारा से लड़के का एक हसीं ठहराव हो तुम
मेरी बेरंग सी ज़िन्दगी का रंगीन बदलाव हो तुम
लिखने को तो बहुत कुछ लिखता आ रहा था मैं
पर मेरी ज़िंदगी से जुड़े पहली किताब हो तुम
ज्यादा तो नही पता कि क्या लिखूं तुम्हारे बारे में
बस मेरी हर उलझन का इकलौता सुझाव हो तुम #कृष्णांबिका
श्री कन्हैया शास्त्री जी
मौसम वही, सर्दी वही, वही दिलकश नवम्बर है
चाय वही,अदरक वही, वही दिल में बवंडर है....
श्री कन्हैया शास्त्री जी
जिन्दगी
जिन्दगी धीरे धीरे खफा होने लगी है
यूं कहूं तो बेवफा होने लगी है
हसरतें भी अब शोर नहीं करती
मानो मुझसे ही गुमशुदा होने लगी है
कभी मनाता हूं कि आ बैठ मेरे पास
कुछ अपनी कहेंगे कुछ तुम्हारी सुनेंगे
श्री कन्हैया शास्त्री जी
मौजों में रवानी चाहिए
एक खूबसूरत सी कहानी चाहिए
कभी हौसला कम न हो दिल हो
बस ऐसी ही जिंदगानी चाहिए….
हां मुझे एक दीवानी चहिए........😊