मानव हू अपराध करुगा ज्ज्बातो पे वार करुगा, आन्धी से पेहचान है अपनी तूफानो पे वार करुगा, "टुकरौ मे खुद बटता हू , "झुंड मे वार मे करता हू, अपनो से मे चिढ़ता हू लालच मे वास करता हू, मे धरती का मुख्य प्राणी, क्यो ना करु मे मनमानी, ज्ञान का मे भंडार हू देवो का अवतार हू, कुछ लोगो का काल हू, वेहम का शिकार हू, रावण का अवतार हू महादेव का प्यार हू, मानव हू अपराध करुगा एक दिन सायद मे राम बनुगा? Akash राजपूत #LookingDeep #मानव हू #अपराध करुगा ज्ज्बातो पे वार करुगा, #आन्धी से पेहचान है अपनी तूफानो पे वार करुगा, "टुकरौ मे खुद बटता हू , "झुंड मे वार मे करता हू, अपनो से मे चिढ़ता हू लालच मे वास करता हू, मे #धरती का मुख्य प्राणी,