*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“19/2/2022”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 “मनुष्य” कभी न कभी सोचता है कि उसके साथ कही न कही “अन्याय” हुआ है, कोई कहता है कि “भाग्य” ने मेरे साथ “अन्याय” किया, कोई कहता है कि “संसार” ने मेरे साथ “अन्याय” किया, यदि “सत्य” बताए तो “संसार” का सबसे “बड़ा न्यायालय” आपके पास ही है, आपका “मन” ही है जो सबसे बड़ा “न्यायालय” है ये भलीभांति जानता है कि क्या “शुद्ध” है और क्या “अशुद्ध”,इसे “शुभ” “अशुभ” का ज्ञान है ये भी जानता है, देखा जाए तो हर एक मनुष्य अपने मन में “झांक कर” देखे तो वो “भलीभांति” जानता है कि उसने क्या उचित किया है और क्या अनुचित, दिन में एक बार “रात्रि” में “नींद” प्राप्त करने से “पूर्व” “स्वयं के साथ” बैठिए,“आंखें बंद” किजिए और “विचार किजिए” कि आपने क्या “उचित किया” और क्या “अनुचित किया” , आपका मन पूरा “न्याय” वहीं कर देगा, और बहुत कम लोग होते जो किसी को “समझने” में वर्षों लगा देते है और कुछ “एक-दो मुलाकातों” में “एक-दूसरे” को समझ जाते है, *“अतुल शर्मा”* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“19/2/2022”*📚 🖋️*“शनिवार”* 🌟 #“मनुष्य” #“अन्याय”