Nojoto: Largest Storytelling Platform

उमर कच्ची थी पर शैतानीयो के पक्के थे कितनी ही डाट

उमर कच्ची थी पर
शैतानीयो के पक्के थे
कितनी ही डाट लगती  
पर मिट्टी के शौकीन थे 
वो कीचड़ में लिपट के रोज आना 
फिर मम्मी का डाट लगाना
गलती होने पर मुंह फूलना
और फिर सामने से टॉफी मिल जाना 

वो आंटी का काच तोड़ देना 
फिर नाम दूसरो का लगाना
वो दादा की लाठी ले कर नकल करना
अभी भी याद है मुझे मेरी वो 
बचपन की शैतानियां #BachpanKiShaitani 
#akshayaggrawal
#nojoto
#feeling
#poetry
#thinking
#ink
#hindipoetry
उमर कच्ची थी पर
शैतानीयो के पक्के थे
कितनी ही डाट लगती  
पर मिट्टी के शौकीन थे 
वो कीचड़ में लिपट के रोज आना 
फिर मम्मी का डाट लगाना
गलती होने पर मुंह फूलना
और फिर सामने से टॉफी मिल जाना 

वो आंटी का काच तोड़ देना 
फिर नाम दूसरो का लगाना
वो दादा की लाठी ले कर नकल करना
अभी भी याद है मुझे मेरी वो 
बचपन की शैतानियां #BachpanKiShaitani 
#akshayaggrawal
#nojoto
#feeling
#poetry
#thinking
#ink
#hindipoetry