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अब समय आ गया है कि घरों में बेटियों के स्थान पर, ब

अब समय आ गया है कि घरों में बेटियों के स्थान पर, बेटों को कठोर अनुशासन में रखा जाए।कदम-कदम पर उन्हें तमीज़ और सभ्यता सिखाई जाए।अधिकांश परिवारों में आज भी बेटे की माँ होने के घमण्ड में,बेटों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती और जंगली घास की तरह उन्हें पनपने-बढ़ने के लिए छोड़ देती है।अनावश्यक लाड़-प्यार दिखाकर, सिर पर चढ़ा देती है और तमीज व संस्कार सिखाने का सारा ज़ोर बेटियों पर लगा देती है।
बेटियां तो पढ़-लिख कर, सभ्य-सुसंस्कृत होकर अपने जीवन को रोशन करती है पर ये अनगढ़, नालायक लड़के कदम-कदम पर उनका जीना दूभर कर देते हैं।चाहे बहिन के रूप में, चाहे पत्नी के रूप में, चाहे अनजान लड़की के रूप में।

©अंजलि जैन #बेटों को इंसान बनाओ#०३.१०.२०

#Stoprape
अब समय आ गया है कि घरों में बेटियों के स्थान पर, बेटों को कठोर अनुशासन में रखा जाए।कदम-कदम पर उन्हें तमीज़ और सभ्यता सिखाई जाए।अधिकांश परिवारों में आज भी बेटे की माँ होने के घमण्ड में,बेटों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती और जंगली घास की तरह उन्हें पनपने-बढ़ने के लिए छोड़ देती है।अनावश्यक लाड़-प्यार दिखाकर, सिर पर चढ़ा देती है और तमीज व संस्कार सिखाने का सारा ज़ोर बेटियों पर लगा देती है।
बेटियां तो पढ़-लिख कर, सभ्य-सुसंस्कृत होकर अपने जीवन को रोशन करती है पर ये अनगढ़, नालायक लड़के कदम-कदम पर उनका जीना दूभर कर देते हैं।चाहे बहिन के रूप में, चाहे पत्नी के रूप में, चाहे अनजान लड़की के रूप में।

©अंजलि जैन #बेटों को इंसान बनाओ#०३.१०.२०

#Stoprape
anjupokharana7639

Anjali Jain

New Creator
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