कोई न समझे मेरी रज़ा . बेख्याली में भी तेरा होना अब लगने लगी सजा. मेरा अब मुझसे कोई नहीं सवाल मेरा मुझमें कुछ नहीं जो आई दूरियों की अजा फिर भी कोई न समझे मेरी रज़ा " मानकर में तुझे मोला दिल का हर राज़ बस एक तेरे आगे खोला _ क्या मेरे हिस्से में - अब नहीं ये अल्फ़ाज़ तूने बोला " #आस्क