बारिशें वो भी कितनीं ख़ुशनुमा थीं.. जो सुबह तेरी ज़ुल्फोंसे रिहा होतीं थीं.. सारी उदासियोंको भिगोकर हरा फ़िरसे बेवज़ह दिन बड़ा लंबा महसूस कराती थीं.. ©मी शब्दसखा बारिशें #बारिशें #जुल्फ़े #khayaltera #yaadteri #hindishayari #shayar #writer #nojotohindi #dilkibaat