क्यों मुझे शाख से तोड़कर कुर्ते में या बालों में लगाते है, क्यों मुझे मंदिरों में, मज़ारों या शवों पर लोग चढ़ाते हैं। मेरे अपने भी जज़्बात हैं, मुझे भी मिली यह शिक्षा है, मुझसे सारा गुलिस्तान महके बस यही अंतिम इच्छा है। यह प्रतियोगिता संख्या -24 है आप सभी कवि- कवयित्री का स्वागत है। 💐💐 🎧 चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें नया नियम:- आपके रचना post करने के बाद आप जाँच पड़ताल कमेटी के किसी एक