काटी हैं वो तन्हा रातें, सारी कीमत हमने चुकाई। खाई ठोकर कभी गमों की,ये आंसू पीकर प्यास बुझाई। तुम क्या जानो प्यार मोहब्बत, खेल गए मेरे दिल से। उससे पूछो क्या गुज़री है , जिसने भी ये चोट है खाई। ©Chanchal Hriday Pathak #आंसू_पीकर_प्यास_बुझाई