सुना है तू भगवान् है सबके भीतर रहता है करता है सबसे प्रेम सबका दुखहर्ता है फिर क्यूँ तू करता है भेद दुनिया के प्रत्येक जन में डराता है दुनिया को वो आये तेरी शरण में क्यों तू परिश्रम करने वाले को दर्द हजारों देता है और कभी आलसी मनुष्य का खजाना भर देता है क्यों फिर योग्यता का मजाक बनाया जाता है क्यों अयोग्य व्यक्ति सफलता पा लेता है क्यों किसान को फिर तू बारिश के लिए तरसाता है और जब हो जाये अधिक तो मृत्यु बाढ़ में करवाता है क्यों तू बेईमानी का धंदा बंद नहीं करवाता है क्यों ईमानदार व्यक्ति को बेवजह ठगवाता है क्यों तू अत्याचारी से पाप अनेक करवाता है क्यों ४ वर्ष की मासूम का अश्रु तुझसे देखा जाता है क्यों तू जनता से दंगे धर्म के आधार पर करवाता है दिखता नहीं क्या तुझे जब कोई उन दंगो में मर जाता है। सुना है तू भगवान है सबके भीतर बसता है संसार का दुखहर्ता और सुखकर्ता है। भगवान् सुना है तू भगवान् है सबके भीतर रहता है करता है सबसे प्रेम सबका दुखहर्ता है फिर क्यूँ तू करता है भेद दुनिया के प्रत्येक जन में डराता है दुनिया को