अंधेरों से बचने की कोशिश में दर बदर भटकने लगा | कहीं दूर जला एक दिया उसे अपनी ओर खींचने लगा | अंधेरे से बचने की होर में वो.दिये के आसपास घूमने लगा । न जाने कहां से शीत कहर मचलने लगा । टिमटिमाता वह दिया टिमटिमा ना सका ,और अंधेरे से बचने की कोशिश में वो खुद को और जगा ना सका रात ढली , दिन हुआ लोग बोले वाह!! परवाने सी मोहब्बत कोई जता ना सका ..... kabhi kabhi hm jo dekhte h , sunte h , vo sch ni hota h #jo_hm_dekhte_hai_vo_har_baar_sch_nahi_hota_hai