जब जीवन मरण का अंतर मिट जाता है तो इक खोखलापन सा नज़र आता है भावनायें तब उद्घृत नहीं होती उत्तेजनाएं भी जागृत नहीं होती इक्षाएँ कहीं वीराने में सोती हैं और संभावनाएं भी धीरे धीरे खोती है आत्मविश्वास फिर डगमगा जाती है और कोशिशें भी अधूरी नज़र आती हैं तब बैठ वीराने में कहीं आत्ममंथन कर लो थोड़ी सी ही सही खुद से गुफ़्तगू कर लो हर सवाल का हल मिल जाएगा तेरी खामोशी को जुबाँ मिल जाएगा सुप्त पड़े मस्तिष्क में फिर तरंगों की प्रवाह होगी और तेरी समझदारी फिर इक बार जवाँ होगी फिर ये खोखलापन ना होगा ना ही इक्षाएँ फिर कभी सो सकेंगीं उत्तेजनाएं भी फिर जागृत होंगी और भावनाएं फिर उद्घृत होंगीं फिर आत्मविश्वास डोल न सकेगा और तू फिर वही इंसान होगा वही जिसे होगी समझ जीवन मरण के अंतर की जिसे होगी समझ जीवन मरण के अंतर की ।। 😊 मेरी कलम कुछ कहती है 😊 😊 रतनेश पाठक 😊 #nojoto #nojotoHindi #poem #poetry #Hindinama