इस जन्माष्टमी पर, मुझे पत्थर मान ही लिया तो खुदा कौन मानेगा ? खुद को मुझ में ही छोड़ दिया इसे जुदा कौन मानेगा ? तेरी भी साँसें बेफिक्र हो कर नहींं चलती मुझे,पता है बेशक,तुने ही छीनी है जमैयत मेरी,इसे गुमशुदा कौन मानेगा ।। _Xn.niku #xnniku#shayari#nojoto#com