है किसकी मंज़िल क़रीब, किसको पहले जाना है। ये खेल है बड़ा अजीब, यहाँ कितनी देर ठिकाना है। बशर का क्या है नसीब, दो घड़ी का आशियाना है।। #बशर : Bashar (بشار) : human-being; mankind, mortals, मनुष्य; आदमी; व्यक्ति। Collab with Democrats & Dissenters on this #dndwow background and share your thoughts with us. ❤ दो वक़्त की रोटी ढूँढने निकला था घर से दूर, आज सुकून की तलाश में जिन्दगी गुजर रही है। किश्तों में मिलता दर्द अब संभाला नहीं जाता। जिन्दगी गुजर रही है बस मौत की तैयारी है। #dndwow138 #मंज़िल #आशियाना #नसीब #अजीब #क़रीब Collaborating with Democrats & Dissenters