ख्वाब हूँ गेरों का ,, अपनो से बर्बाद हूँ आग हूँ आंखों से , बातों से बैराग हूँ,, लहर हूँ दिन में ,,समंदर की में रातों में खुद का समसान हूँ बस कुछ.... जिनकी वजय से आज मोन हूँ । न सुकून है , न बेचैन हूँ बस कुछ लफ्ज है जिनकी वजय से आज मोन हूँ।। .#avneesh #लफ्ज