पनघट तक पहूँच कर भी प्यासा लौट आया था, मेरे ज़मीर ने भी मुझें कितना कुछ सिखाया था। अनकहा सा एक वादा था जिसे हमनें निभाया था, ख़ुद को मार कर मैंने, ख़ुद को ही बचाया था।। #पकनघट #प्यास #ज़मीर #सिखाया #अनकहा #वादा