◆◆बचपन ट्रैन और यादें●●● आज टैन और खिड़की के पास बैठे मुझमें मेरा बचपन हिचकोले लेते दिखा कि किस तरह बचपन की यादों में खिड़की के पास बैठने की अथाह जिद्द, खिड़की से झांकते उन पेड़ों का पीछे जाना, आसमान में बादलों का साथ चलते देखना और दूर गाँव तक भी पहाड़ों का अंत न होना।। आज वहीं खिडकी से झांकते वक़्त पेड़ नहीं डण्ठल दिखते हैं आसमान में बादल नहीं कारखानों से निकली धुंध दिखती है पहाड़ तो नहीं मगर उन्हें काटकर बनाई गई सड़कें दिखती है जो प्रकृति की निर्मम हत्या के प्रतीक हैं।। और यही फर्क है मेरे बचपन और मेरे इस उम्र के पड़ाव में जो फांसले दिखाता है।।। ©जय #Train #bachapan #Patriyan #Yaad #kavita