तुम्हारी बातें मुझे याद दिलाती हैं अपनी भूली एक कविता, छिपकर बैठी है जो बचपन की यादों में कहीं मिला देते हो हर रोज़ उस 'चुलबुली' से मुझे, खो गयी है जो वक़्त के पन्नों में कहीं एहसास दिलाते हो यूँ ही बातों बातों में, उसी में मेरा अस्तित्व छुपा है कहीं डर लगता है जब झाँकते हो मन की गहराइयों में, मोह से बने इस संसार में तुमसे प्यार न हो जाये कहीं दोस्ती बदलती है हमदर्दी में और न जाने कब ये हमदर्दी प्यार में बदल जाती.. समझ में नहीं आता.. #अस्तित्व #चुलबुली #मोह #प्यार #yqdidi #yqbaba Photo credits : ava7.com