मैंने जाना ना अपना पराया, जिसने मुझे खुब हँसाया जिसने सही गलत है बताया जिसने दुःख में है साथ निभाया, वो ही कहलाया अपना, जिसने मेरी हर स्थिति में मज़ाक बनाया वो ही था पराया!! कैसे एक ही पल में मुझको तुमने, अपना पराया जता दिया। दिल में किसके है कितनी चाहत, भेद ये मुझको बता दिया।। सौजन्य से: काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अपनो की परायी बातें, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-