तुम ===== मत थामों उंगलियां कि बेबस जात नहीं हो तुम तुमसे है सृष्टि पार्थ और तुम्हीं हो तुम ।। ~ तुम / विशाल कुमार "पार्थ" #तुम #शब्दों_की_कोई_सीमा_नहीं_होती_है।