Nojoto: Largest Storytelling Platform

बेहतर ही होगा कि उन खराबों को वहां अब तुम खामोश ही

बेहतर ही होगा कि उन खराबों को वहां अब तुम खामोश ही रहने दो

वो दास्तां जो अपनी खामोशी से भी सुनाया करते हैं वो सबको उस नामुकम्मल दास्तां को ही कहने दो 

अल्फाजों की बेहद कमी हैं या फिर उस हद तक इल्म नहीं शायद उन्हें हयात की फितरत का

वो तुम्हारे उस रवैये के चलते गर उस हयात को ही जिंदगानी मान बैठे हैं तो उन्हें उस जिंदगानी मे ही रहने दो

कितनी ही वक्त के बाद  लिहाजा उनका वहां कुछ रब्त हो पाया है 

बड़ी ही शिद्दत से उन्होंने अपने वास्ते उस नासाज फिजा मे ही सही मगर एक आशियाँ बना पाया है 

नूर कर रखा है उसके हर एक जर्रे को अपने मुतमइन अंदाज की शमां जलाकर बड़ी ही सादगी से 

बदनसीबी के चलते वो जो दोजख हासिल हुआ था उनको उस दरम्यान
 आज मुद्दतों के बाद उस दोजख मे से भी खुद के खातिर मानो उन्होंने जन्नत के जैसा वो एक हिस्सा बना पाया है।

गुजारिश है तुमसे अब उन्हें अपने उस आशियाँ मे ही बसर करने दो

वो जो एकदम से बेरंग लगती तुम्हें उन खराबों की दुनिया उस दुनिया मे तसल्ली के कुछ रंग बिखरने दो  

वाकिफ हूँ कि ता-अबद तक है अब उनके नसीब मे यही फलसफों की किताब कि जिसे वो हर रोज दोहराते हैं

मगर आज इस वक्त मे उन्हें उनके हाल-ए -जिंदगी पर छोड़कर तुम उन्हें उनके वास्ते ही हर अगले रोज उस किताब मे एक नया फलसफा लिख पाने को छोड़ दो ।।
 #NojotoQuote
बेहतर ही होगा कि उन खराबों को वहां अब तुम खामोश ही रहने दो

वो दास्तां जो अपनी खामोशी से भी सुनाया करते हैं वो सबको उस नामुकम्मल दास्तां को ही कहने दो 

अल्फाजों की बेहद कमी हैं या फिर उस हद तक इल्म नहीं शायद उन्हें हयात की फितरत का

वो तुम्हारे उस रवैये के चलते गर उस हयात को ही जिंदगानी मान बैठे हैं तो उन्हें उस जिंदगानी मे ही रहने दो

कितनी ही वक्त के बाद  लिहाजा उनका वहां कुछ रब्त हो पाया है 

बड़ी ही शिद्दत से उन्होंने अपने वास्ते उस नासाज फिजा मे ही सही मगर एक आशियाँ बना पाया है 

नूर कर रखा है उसके हर एक जर्रे को अपने मुतमइन अंदाज की शमां जलाकर बड़ी ही सादगी से 

बदनसीबी के चलते वो जो दोजख हासिल हुआ था उनको उस दरम्यान
 आज मुद्दतों के बाद उस दोजख मे से भी खुद के खातिर मानो उन्होंने जन्नत के जैसा वो एक हिस्सा बना पाया है।

गुजारिश है तुमसे अब उन्हें अपने उस आशियाँ मे ही बसर करने दो

वो जो एकदम से बेरंग लगती तुम्हें उन खराबों की दुनिया उस दुनिया मे तसल्ली के कुछ रंग बिखरने दो  

वाकिफ हूँ कि ता-अबद तक है अब उनके नसीब मे यही फलसफों की किताब कि जिसे वो हर रोज दोहराते हैं

मगर आज इस वक्त मे उन्हें उनके हाल-ए -जिंदगी पर छोड़कर तुम उन्हें उनके वास्ते ही हर अगले रोज उस किताब मे एक नया फलसफा लिख पाने को छोड़ दो ।।
 #NojotoQuote