ना वो एक औरत है, ना वो एक मर्द है, अपने ही जिस्म में कैद एक दर्द है, लोगो के लिए होटों पे रखती है दुआ, ना जाने उनके लिए क्यों वह अभिशाप है। अगर एक औरत का दिल ही, एक औरत को ही लग गया प्यारा, तोह जवाब दो अवाम क्या बिगाड़ रहा तुम्हारा | हां, हम लड़की है और लड़कीयो से प्यार लारती है | दूसरी लड़कीया सायद जिस्म पे मरती हैं, लेकिन हम उनकी काली बिंदी में गुम हो जाते है| खुदा की बनाई किसी बड़े दिलवाले ने, अगर दोनों बनवटों को सामान प्यार से निहारा है, तोह गलत क्या है जनाब, वही तोह समझ नहीं आ रहा। खुदा की और भी बनवाते हैं, जो इन लब्ज़ो में नहीं समा रहे है, पर यह सब लोग अब तक, लोगो के समझ में क्यों नहीं आ रहे हैं। ©pihu bhardwaj #Shayari #LGBTQ #LGBTQRIGHTS #Sacchaishq